उत्तरकाशी : लगभग तीन दिन पहलेे उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री धाम के पास बादल फटने के बाद हाईवे का एक हिस्सा बहने से वहां यातायात पूरी तरह से ठप है। मार्ग की मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। सात पोकलैन और जेसीबी मशीनें दिन-रात जुटी हुई है। उम्मीद जताई जा रही है कि आज शाम तक यातायात बहाल हो सकता है। यमुनोत्री धाम में फंसे यात्रियों को पैदल ही क्षतिग्रस्त क्षेत्र का पार कराया जा रहा है।
गौरतलब है कि बादल फटने से श्रमिकों का एक कैंप पूरी तरह से तबाह हो गया। हादसे में लापता नौ श्रमिकों में से दो के शव मिल चुके हैं, जबकि सात का अभी कुछ पता नहीं चल पाया है। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य स्वयं यमुना घाटी में कैंप किए हुए हैं। डीएम के त्वरित निर्णयों से जहां सड़क मार्ग को तीव्र गति से बहाल किया जा रहा है,वहीं यमुनोत्री धाम की यात्रा पर आए श्रद्धालुओं को ओजरी से सिलाई बैंड तक पैदल मार्ग से वहां से ट्रांसशिपमेंट व्यवस्था के माध्यम से सुरक्षित रूप से उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन की प्राथमिकता सड़क मार्गों को शीघ्रातिशीघ्र सुचारू करना एवं तीर्थयात्रियों तथा स्थानीय नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करना है। उन्होंने मौके पर तैनात सभी टीमों को पूरी संवेदनशीलता व सतर्कता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए है।
जिलाधिकारी आज सिलाई बैंड से ओजरी तक पैदल मार्ग से पहुंचे। इस दौरान पैदल यात्रियों से बातचीत करते हुए उनके गन्तव्य तक पहुंचने के लिए प्रशासन द्वारा की गई ट्रांसशिपमेंट व्यवस्था के बारे में जानकारी दी।