40 कारतूस पकड़े जाने पर हरीश रावत ने सरकार को घेरा

देहरादूनः उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के कद्दावर नेता हरीश रावत ने पत्रकारवार्ता कर भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने 40 जिंदा कारतूस के साथ पकड़े गए विधायक के भाई से लेकर बेटियों के साथ हो रहे अपराध तक के मामले में सरकार को घेरा। शनिवार को आयोजित पत्रकारवार्ता में हरीश रावत ने सरकार के सामने कई सवाल खड़े

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पंचकेदारों में से एक द्वितीय केदार मद्महेश्वर धाम को विकसित करने की तैयारी

देहरादून : मीडिया प्रभारी बीकेटीसी हरीश गौड़ ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के क्रम में पंचकेदारों में से द्वितीय केदार मद्महेश्वर धाम को विकसित किया जाएगा। इसके साथ केदारनाथ धाम के अंतिम मोटर पड़ाव गौरीकुंड स्थित मां गौरी के मंदिर का सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शासन के धर्मस्व व संस्कृति विभाग के अनु

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एसएसबी ने बनबसा सीमा पर भाजपा विधायक के भाई समेत दो लोगों को 40 कारतूस के साथ पकड़ा

बनबसा:  शुक्रवार को एसएसबी ने चेकिंग के दौरान भारत-नेपाल सीमा पर बनबसा में नेपाल जा रहे दो लोगों से 7.65 एमएम के 40 कारतूस बरामद किए।। एसएसबी 57 वीं वाहनी के कमांडेंट मनोहर लाल के निर्देश पर बनबसा सीमा पर अपराध नियंत्रण को लेकर सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। शुक्रवार सायं एसएसबी के जवानों ने भारत से नेपाल

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इस वर्ष 51 हजार से अधिक वीआइपी कर चुके हैं बदरी केदार के दर्शन

रुद्रप्रयाग: इस वर्ष बदरीनाथ व केदारनाथ धाम में अब तक 51,696 वीआइपी दर्शन कर चुके हैं। इससे श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) को रुपये 1,55,08,800 की आय प्राप्त हुई है। बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय के अनुसार इस वर्ष 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के पश्चात अब तक 15,612 विशिष्ट व अतिविशिष्ट और उनके संदर्भों से आए महानुभावों ने दर्शनों का लाभ उठाया है। इससे बीकेटीसी को रूपये 46,83,600 का लाभ हुआ। इसी प्रकार 27 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के पश्चात वहां अभी तक 36,084 हजार विशिष्ट व अतिविशिष्ट महानुभाव दर्शनों के लिए पहुंचे। इनसे बीकेटीसी को रूपये 1,08,25,200 प्राप्त हुए। उल्लेखनीय है कि यात्राकाल में दोनों धामों में प्रोटोकॉल के तहत वीआईपी व वीवीआईपी श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। बीकेटीसी वीआईपी श्रद्धालुओं को प्राथमिकता के आधार पर दर्शन कराती थी और प्रसाद भी देती थी। इन श्रद्धालुओं से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता था। वीआईपी व वीवीआईपी श्रद्धालुओं के नाम पर अनेक अव्यवस्थाएं भी पैदा होती थीं। इस वर्ष यात्राकाल से पूर्व बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र ने देश के चार बड़े मंदिरों श्री वैष्णोदेवी, श्री तिरूपति बाला जी, श्री सोमनाथ व श्री महाकाल मंदिर में विभिन्न व्यवस्थाओं के अध्ययन के लिए अलग-अलग दल भेजे थे। इन दलों ने वहां की व्यवस्थाओं का अध्ययन कर मंदिरों में आने वाले विशिष्ट व अति विशिष्ट महानुभावों से दर्शनों के लिए शुल्क निर्धारित करने का प्रस्ताव रखा था। बीकेटीसी ने अध्ययन दलों के सुझाव पर प्रति व्यक्ति 300 रुपये निर्धारित किया था। बीकेटीसी द्वारा नयी व्यवस्था कायम किए जाने के बाद वीआईपी व वीवीआईपी के नाम पर अनावश्यक रूप से दर्शनों के लिए घुसने वालों पर भी रोक लगी है। बीकेटीसी ने इस नई व्यवस्था की शुरुआत इस वर्ष केदारनाथ धाम से शुरू की थी। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर बीकेटीसी ने पहली पर्ची मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की काटी थी। मुख्यमंत्री ने 300 रूपये का शुल्क चुका कर दर्शन किये थे।

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