उत्‍तराखंड बोर्ड का रिजल्‍ट घोषित, हाईस्‍कूल में गंंगोलीहाट की प्रियांशी और इंटर में पीयूष व कंचन टापर

देहरादूनः उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षा देने वाले 2.10 लाख विद्यार्थी पिछले डेढ़ माह से परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे थे। उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद, रामनगर ने इंतजार खत्म करते हुए मंगलवार को 2024 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा का रिजल्ट घोषित कर दिया है। हाईस्कूल में जेबीएसजीआइसी गंगोलीहाट की प्रियांशी रावत ने 500 में से 500 अंकों प्राप्त कर प्रदेश

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प्रोफेसर डॉ. यशबीर दीवान ने सम्भाला एसजीआरआर विश्वविद्यालय के कुलपति का पदभार

देहरादून: श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय देहरादून के कुलपति के रूप में प्रोफेसर (डॉ.) यशबीर दीवान ने विधिवत पदभार संभाला। विश्वविद्यालय प्रबन्धन ने प्रोफेसर (डॉ.) यशबीर दीवान के पदभार सम्भालने पर प्रसन्नता जाहिर की। मेडिकल साइंस के क्षेत्र मे प्रोफेसर दीवान एक जाना पहचाना नाम हैं। उन्हें न्यूरोसर्जरी के क्षेत्र में 38 वर्षों से अधिक का कार्य अनुभव है। श्री

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जिस संपत्ति को ईडी ने किया अटैच उस पर हो रहा निर्माण कार्य

देहरादून : मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जब किसी संपत्ति को अटैच करता है तो उस पर मामले के निस्तारण तक संपत्ति के स्वामी का अधिकार नहीं रहता है। मनी लॉन्ड्रिंग की पुष्टि होने पर ईडी ऐसी संपत्ति को नीलाम भी कर देता है। ताकि ठिकाने लगाई गई रकम की भरपाई की जा सके। ईडी के देहरादून

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इस वर्ष 51 हजार से अधिक वीआइपी कर चुके हैं बदरी केदार के दर्शन

रुद्रप्रयाग: इस वर्ष बदरीनाथ व केदारनाथ धाम में अब तक 51,696 वीआइपी दर्शन कर चुके हैं। इससे श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) को रुपये 1,55,08,800 की आय प्राप्त हुई है। बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय के अनुसार इस वर्ष 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के पश्चात अब तक 15,612 विशिष्ट व अतिविशिष्ट और उनके संदर्भों से आए महानुभावों ने दर्शनों का लाभ उठाया है। इससे बीकेटीसी को रूपये 46,83,600 का लाभ हुआ। इसी प्रकार 27 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के पश्चात वहां अभी तक 36,084 हजार विशिष्ट व अतिविशिष्ट महानुभाव दर्शनों के लिए पहुंचे। इनसे बीकेटीसी को रूपये 1,08,25,200 प्राप्त हुए। उल्लेखनीय है कि यात्राकाल में दोनों धामों में प्रोटोकॉल के तहत वीआईपी व वीवीआईपी श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। बीकेटीसी वीआईपी श्रद्धालुओं को प्राथमिकता के आधार पर दर्शन कराती थी और प्रसाद भी देती थी। इन श्रद्धालुओं से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता था। वीआईपी व वीवीआईपी श्रद्धालुओं के नाम पर अनेक अव्यवस्थाएं भी पैदा होती थीं। इस वर्ष यात्राकाल से पूर्व बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र ने देश के चार बड़े मंदिरों श्री वैष्णोदेवी, श्री तिरूपति बाला जी, श्री सोमनाथ व श्री महाकाल मंदिर में विभिन्न व्यवस्थाओं के अध्ययन के लिए अलग-अलग दल भेजे थे। इन दलों ने वहां की व्यवस्थाओं का अध्ययन कर मंदिरों में आने वाले विशिष्ट व अति विशिष्ट महानुभावों से दर्शनों के लिए शुल्क निर्धारित करने का प्रस्ताव रखा था। बीकेटीसी ने अध्ययन दलों के सुझाव पर प्रति व्यक्ति 300 रुपये निर्धारित किया था। बीकेटीसी द्वारा नयी व्यवस्था कायम किए जाने के बाद वीआईपी व वीवीआईपी के नाम पर अनावश्यक रूप से दर्शनों के लिए घुसने वालों पर भी रोक लगी है। बीकेटीसी ने इस नई व्यवस्था की शुरुआत इस वर्ष केदारनाथ धाम से शुरू की थी। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने पर बीकेटीसी ने पहली पर्ची मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की काटी थी। मुख्यमंत्री ने 300 रूपये का शुल्क चुका कर दर्शन किये थे।

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