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Himalaya Ki Awaj > Blog > देश-विदेश > भारत में भी बढने लगा है रिवर क्रूज पर्यटन, एक वर्ष में 19.4 प्रतिशत की वृद्धि
देश-विदेश

भारत में भी बढने लगा है रिवर क्रूज पर्यटन, एक वर्ष में 19.4 प्रतिशत की वृद्धि

Web Editor
Last updated: 2025/07/22 at 4:59 AM
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47 राष्ट्रीय जलमार्गों पर 51 नए रिवर क्रूज सर्किट विकसित करने की तैयारी

नई दिल्‍ली : भारत में रिवर क्रूज पर्यटन क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। राष्ट्रीय जलमार्गों पर रिवर क्रूज यात्राओं की संख्या 2023-24 में 371 से बढ़कर 2024-25 में 443 हो गई है। यह 19.4 प्रतिशत की वृद्धि भारत के अंतर्देशीय जलमार्गों में रिवर क्रूज के बढ़ते आकर्षण और प्रचालनगत दक्षता को रेखांकित करती है।

वृद्धि की इस गति को और बढ़ाते हुए, वाइकिंग क्रूज़ ने भारत के रिवर क्रूज़ बाज़ार में वाइकिंग ब्रह्मपुत्र के साथ प्रवेश की घोषणा की है। 80-अतिथियों की क्षमता वाले इस पोत का प्रचालन 2027 के अंत में शुरू होने वाला है, जो भारत के रिवर क्रूज़ पर्यटन क्षेत्र में बढ़ती रुचि और निवेश का संकेत है। कोलकाता स्थित हुगली कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया जाने वाला वाइकिंग ब्रह्मपुत्र, राष्ट्रीय जलमार्ग-2 पर प्रचालित होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन और पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल के मार्गदर्शन के अनुरूप, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) भारत में रिवर क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने और टिकाऊ जल परिवहन प्रणाली विकसित करने की दिशा में कदम उठा रहा है।

पिछले 11 वर्षों में इस सेक्‍टर में असाधारण वृद्धि देखी गई है। 2013-14 में तीन जलमार्गों पर केवल पांच जहाजों की तुलना में रिवर क्रूज़ प्रचालन 2024-25 में 13 राष्ट्रीय जलमार्गों पर 25 जहाजों तक विस्तारित हो गया है। यह वृद्धि राष्ट्रीय जलमार्गों पर नौवहन सुरक्षा और बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत आईडब्‍ल्‍यूएआई के सक्रिय प्रयासों के कारण हुई है। आईडब्‍ल्‍यूएआई ने टर्मिनलों, तटवर्ती और अपतटीय सुविधाओं का विकास करके, जलमार्गों में पर्याप्त गहराई सुनिश्चित करके, और 24 घंटे नौवहन सहायता और पायलट सेवाएं प्रदान करके रिवर क्रूज़ जहाजों के लिए सुगम और सुरक्षित नौवहन की सुविधा प्रदान की है। इन उपायों ने सामूहिक रूप से यात्री अनुभव को बेहतर बनाया है, प्रचालनगत लॉजिस्टिक्‍स में सुधार किया है और संचालकों का विश्वास बढ़ाया है, जिससे इस क्षेत्र के विकास में योगदान मिला है। उल्लेखनीय है कि जनवरी 2023 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा झंडी दिखाकर रवाना किए गए एमवी गंगा विलास ने वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक दुनिया की सबसे लंबी नदी यात्रा की। जिसमें पांच भारतीय राज्यों और बांग्लादेश की 27 नदी प्रणालियों से होकर 3,200 किलोमीटर की दूरी तय की गई। इस ऐतिहासिक यात्रा को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह मिली। पश्चिम बंगाल में सुंदरबन, असम में ब्रह्मपुत्र और केरल में अलप्पुझा जैसे अन्य लोकप्रिय क्रूज सर्किट भी लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं।

आईडब्ल्यूएआई की योजना 2027 तक 14 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में 47 राष्ट्रीय जलमार्गों पर 51 नए रिवर क्रूज सर्किट विकसित करने की है। क्रूज़ भारत मिशन की शुरुआत के साथ, सरकार का लक्ष्य रिवर क्रूज यात्रियों की संख्या 5 लाख से बढ़ाकर 15 लाख करना है। यह मिशन आने वाले दो वर्षों में क्रूज टर्मिनलों, बंदरगाहों और संबंधित बुनियादी ढाँचे के उन्नयन, पर्यावरण-अनुकूल पर्यटन कार्यप्रणालियों को बढ़ावा देने और क्रूज उद्योग में रोज़गार के अनगिनत अवसर पैदा करने पर केंद्रित है।

आईडब्ल्यूएआई ने हाल ही में राष्ट्रीय जलमार्गों पर क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई राज्य सरकारों के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें नर्मदा रिवर पर क्रूज पर्यटन के लिए गुजरात और मध्य प्रदेश सरकारों के साथ साझेदारी, यमुना रिवर पर नौकाओं और क्रूज के प्रचालन के लिए दिल्ली सरकार के साथ साझेदारी तथा झेलम, रावी और चिनाब नदियों पर स्‍थायी पर्यटन के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ साझेदारी शामिल है।

इसके अतिरिक्‍त, आईडब्ल्यूएआई गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों पर समर्पित क्रूज़ टर्मिनल विकसित कर रहा है, जिनमें से तीन टर्मिनल वाराणसी, गुवाहाटी, कोलकाता और पटना में बनाए जाने की योजना है। पूर्वोत्तर में, सिलघाट, विश्वनाथ घाट, नेमाटी और गुइजान में चार और क्रूज़ टर्मिनल 2027 तक विकसित किए जाने का प्रस्ताव है।

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