Uttarakhand Landslide Mitigation Project : Uttarakhand Gets ₹125 Cr for Landslide Mitigation | Central Govt Project
Uttarakhand Landslide Mitigation Project : देहरादून, 1 अगस्त 2025 : उत्तराखंड के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों को अब स्थायी राहत मिलने की उम्मीद है। केंद्र सरकार ने राज्य में भूस्खलन न्यूनीकरण और प्रबंधन के लिए 125 करोड़ रुपये की एक बड़ी परियोजना को मंजूरी दी है। यह परियोजना मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों का परिणाम है, जिसका उद्देश्य राज्य के सबसे संवेदनशील भूस्खलन क्षेत्रों में दीर्घकालिक समाधान प्रदान करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और गृह मंत्रालय ने इस महत्वपूर्ण परियोजना को हरी झंडी दी है। पहले चरण में, अन्वेषण कार्यों और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) की तैयारी के लिए 4.5 करोड़ रुपये की धनराशि जारी भी कर दी गई है। मुख्यमंत्री धामी ने इस सहयोग के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है, उन्होंने कहा कि यह परियोजना राज्य के लिए एक निर्णायक कदम साबित होगी।
इस परियोजना के तहत, उत्तराखंड के पांच सबसे ज्यादा संवेदनशील स्थलों पर काम किया जाएगा, जिन्हें प्राथमिकता के आधार पर चुना गया है। ये स्थान हैं:
- मनसा देवी हिल बाईपास रोड, हरिद्वार: यहां लगातार हो रहे भूस्खलन से सुरक्षा को खतरा है, खासकर कांवड़ यात्रा के दौरान, जब यह मार्ग वैकल्पिक रूप से इस्तेमाल होता है।
- गलोगी जलविद्युत परियोजना मार्ग, मसूरी (देहरादून): देहरादून-मसूरी मार्ग पर स्थित यह क्षेत्र बारिश में अक्सर भूस्खलन से बाधित होता है, जिससे सड़क को काफी नुकसान होता है।
- बहुगुणा नगर भू-धंसाव क्षेत्र, कर्णप्रयाग (चमोली): यहां भू-धंसाव से आवासीय भवनों और सड़कों को भारी नुकसान पहुंचा है।
- चार्टन लॉज भूस्खलन क्षेत्र, नैनीताल: सितंबर 2023 में हुए बड़े भूस्खलन से कई परिवार विस्थापित हुए थे।
- खोतिला-घटधार भूस्खलन क्षेत्र, धारचूला (पिथौरागढ़): भारत-नेपाल सीमा पर स्थित यह क्षेत्र अत्यधिक बारिश और भू-कटाव से प्रभावित है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) और उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र (ULMMC) द्वारा तैयार किए गए प्रस्तावों के आधार पर यह परियोजना शुरू की गई है। यह पहल राज्य में आपदा प्रबंधन को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।