By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Himalaya Ki AwajHimalaya Ki Awaj
  • उत्तराखंड
  • करियर
  • राजनीती
  • पर्यटन
  • क्राइम
  • देश-विदेश
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्पोर्ट्स
  • स्वास्थ्य
  • वीडियो न्यूज़
Search
  • Advertise
© 2023 Himalaya Ki Awaj. All Rights Reserved. | Designed By: Tech Yard Labs
Reading: Kunja Bahadurpur Revolt 1824 : सुनहरा गांव का बूढा बरगद, जिसकी शाख पर फंदे से झूले थे 152 क्रांतिकारी
Share
Notification Show More
Latest News
Uttarakhand heavy rain : मौसम के तेवरों में फिलहाल नरमी के संकेत नहीं
उत्तराखंड
Uttarakhand Cabinet decisions : उत्तराखंड में वर्दीधारी पदों पर अग्निवीरों को मिलेगा 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण, कैबिनेट ने लगाई मुहर
उत्तराखंड
Dehradun Tiranga Yatra : मुख्यमंत्री धामी ने किया ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का शुभारंभ
उत्तराखंड
Kedarnath Yatra suspended : केदारनाथ यात्रा: रोक के बावजूद सोनप्रयाग पहुंचे 150 यात्री, पुलिस से नोकझोंक 
Uncategorized
Dehradun Yoga Park : मुख्‍यमंत्री ने की एआई चैटबॉट ‘निगम सारथी’ लॉन्च
उत्तराखंड
Aa
Himalaya Ki AwajHimalaya Ki Awaj
Aa
  • पर्यटन
  • राजनीती
Search
  • उत्तराखंड
  • करियर
  • राजनीती
  • पर्यटन
Follow US
  • Advertise
© 2023 Himalaya Ki Awaj. All Rights Reserved. | Designed By: Tech Yard Labs
Himalaya Ki Awaj > Blog > उत्तराखंड > Kunja Bahadurpur Revolt 1824 : सुनहरा गांव का बूढा बरगद, जिसकी शाख पर फंदे से झूले थे 152 क्रांतिकारी
उत्तराखंड

Kunja Bahadurpur Revolt 1824 : सुनहरा गांव का बूढा बरगद, जिसकी शाख पर फंदे से झूले थे 152 क्रांतिकारी

Web Editor
Last updated: 2025/08/13 at 6:30 AM
Web Editor
Share
4 Min Read
SHARE

Kunja Bahadurpur Revolt 1824 : Sunhera Village & The 1824 Kunja Bahadurpur Revolt: India’s Unsung First Freedom Struggle

Kunja Bahadurpur Revolt 1824 : रुड़की, 13 अगस्‍त 2025 : रुड़की से सटा सुनहरा अब नगर का वार्ड बन गया हैै,  लेकिन तहसील से चार किमी दूर यह इलाका कुछ वर्ष पहले तक गांव ही था। यहीं खडा है एक बूढा बरगद। उम्र कितनी होगी, कोई नहीं जानता। गांव के बडे-बूढों ने भी इसे ऐसेे ही देखा। लेकिन आज भी सीना ताने गर्व से खडे इस ‘बुजुर्ग’ ने क्रांति की वो दास्‍तां देखी है, जिसेे वक्‍त की गर्दो-गुबार ने ऐसा ढंका कि 200 साल बाद भी इतिहास की किताबों में जगह न मिल सकी। हालांकि बाद में कुछ प्रयास जरूर हुए, मगर वो दर्जा आज भी नहीं मिल पाया जिसका वोे हकदार है।

दरअसल, आजादी के ‘पहले गदर’ की यह गाथा दर्ज है सहारनपुर गैजेटियर में ।  गैजेटियर तैयार किया था एक ब्रिटिश अफसर एचआर नेविल ने, जो इंडियन सिविल सर्विस (आईसीएस) के अधिकारी थे। उन्‍होंने ‘ डिस्‍ट्रिक्‍ट गैजेटियर आफ यूनाइटेड प्रोविंसेज ऑफ आगरा एंड अवध ‘ के लिए गैजेटियर की श्रंखला तैयार की थी। सहारनपुर गैजेटियर इसी श्रंखला का हिस्‍सा था। आइए जानते हैं क्रांति की उस कहानी को, जो 1857 के स्‍वतंत्रता समर से करीब तीन दशक पहले जन्‍मी थी।

रुडकी से 15 किमी दूर भगवानपुर तहसील का एक गांव है कुंजा बहादुरपुर। इस गदर की जडे इसी गांव में हैं। वर्ष 1822 का दौर। हालात सूखे के थे। फसल चौपट थी और अंग्रेज अफसर जबरन लगान वसूली में लगे थे। इससे किसानों में आक्रोश पनपने लगा। किसानों ने लंढौरा रियासत के राजा विजय सिंह से गुहार लगाई तो उन्‍होंने कंपनी सरकार से लगान माफ करने का अनुरोध किया। अंग्रेजों ने अनुरोध ठुकरा दिया। इससे राजा विजय सिंह के भीतर क्रोध की चिंगारी सुलगने लगी। उन्‍होंने अपने सेनापति कल्‍याण सिंह और भूरा की सहायता से किसानों के साथ मिलकर विद्रोह का बिगुल बजा दिया। बताते हैं कि उन्‍होंने कंपनी सरकार का खजाना भी लूटा था। दो वर्ष तक चले युद्ध के बाद 1824 में अंग्रेजाें ने क्रूरता पूर्वक इस विद्रोह का दमन कर दिया। युद्ध मे तीन अक्‍टूबर को राजा विजय सिंह और उनके सेनापति कल्‍याण सिंह शहीद हो गए और पकडे गए 152 क्रांतिकारियों को सुनहरा गांव में बरगद के पेड से लटका कर फांसी दे दी गई। इस वृक्ष पर जंजीरों और कुंडों के निशान उस दौर की निशानी के तौर पर आज भी देखे जा सकते हैं। बताया जाता है कि 1947 तक जंजीरे और कुंडे पेड पर लटके रहते थे। आज भी गांव के लोग तीन अक्‍टूबर को शहीद दिवस मनाते हैं। उप्र में तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने पहली बार यहां आए और शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उत्तराखंड बनने के बाद तब के उप राष्ट्रपति एम वैंकया नायडू भी यहां आए थे।

 

 

You Might Also Like

Uttarakhand heavy rain : मौसम के तेवरों में फिलहाल नरमी के संकेत नहीं

Uttarakhand Cabinet decisions : उत्तराखंड में वर्दीधारी पदों पर अग्निवीरों को मिलेगा 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण, कैबिनेट ने लगाई मुहर

Dehradun Tiranga Yatra : मुख्यमंत्री धामी ने किया ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का शुभारंभ

Dehradun Yoga Park : मुख्‍यमंत्री ने की एआई चैटबॉट ‘निगम सारथी’ लॉन्च

Rishikesh underground power lines : बिजली के तारों के जंजाल से मुक्‍त होगा ऋषिकेश, केंद्र ने मंजूर किए 547 करोड़

TAGGED: Discover the untold story of the 1824 Kunja Bahadurpur revolt in Sunhera, preceding the 1857 uprising. Learn about Raja Vijay Singh and Kalyan Singh's sacrifice against British tyranny., Roorkee, where 152 revolutionaries were hanged from a banyan tree
Web Editor August 13, 2025
Share this Article
Facebook Twitter Copy Link Print
Share
Previous Article Uttarakhand water projects : प्रदेश मे चेक डैम और बैराज का पांच वर्षों का प्‍लान होगा तैयार
Next Article old banyan tree sunhera revolutionaries : A Forgotten Chapter : The Old Banyan Tree , A Silent Witness to the Hanging of 152 Revolutionaries
Leave a comment Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Stay Connected

100 Followers Like
100 Followers Follow
100 Followers Follow
100 Subscribers Subscribe
4.4k Followers Follow
- Advertisement -
Ad imageAd image

Latest News

Uttarakhand heavy rain : मौसम के तेवरों में फिलहाल नरमी के संकेत नहीं
उत्तराखंड August 13, 2025
Uttarakhand Cabinet decisions : उत्तराखंड में वर्दीधारी पदों पर अग्निवीरों को मिलेगा 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण, कैबिनेट ने लगाई मुहर
उत्तराखंड August 13, 2025
Dehradun Tiranga Yatra : मुख्यमंत्री धामी ने किया ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का शुभारंभ
उत्तराखंड August 13, 2025
Kedarnath Yatra suspended : केदारनाथ यात्रा: रोक के बावजूद सोनप्रयाग पहुंचे 150 यात्री, पुलिस से नोकझोंक 
Uncategorized August 13, 2025

Recent Posts

  • Uttarakhand heavy rain : मौसम के तेवरों में फिलहाल नरमी के संकेत नहीं
  • Uttarakhand Cabinet decisions : उत्तराखंड में वर्दीधारी पदों पर अग्निवीरों को मिलेगा 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण, कैबिनेट ने लगाई मुहर
  • Dehradun Tiranga Yatra : मुख्यमंत्री धामी ने किया ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का शुभारंभ
  • Kedarnath Yatra suspended : केदारनाथ यात्रा: रोक के बावजूद सोनप्रयाग पहुंचे 150 यात्री, पुलिस से नोकझोंक 
  • Dehradun Yoga Park : मुख्‍यमंत्री ने की एआई चैटबॉट ‘निगम सारथी’ लॉन्च

साथियों, ये है हिमालय की आवाज. आप सोच रहे होंगे कि इतने पोर्टल के बीच एक और पोर्टल. इसमें क्या अलग है. यूं तो इसमें भी खबर ही होंगी, लेकिन साथ ही होगी हिमालय की आवाज यानी अपनी माटी, अपने गांव गली और चौक की बात. जल-जंगल और जमीन की बात भी. पहाड़ के विकास के लिए हम दमदार आवाज बनेंगे. आप सभी शुभचिंतकों के सहयोग का आकांक्षी. : किरण शर्मा, संस्‍थापक

Most Viewed Posts

  • मक्‍की की वजह से पर्यटन के नक्‍शे पर आया यह गांव (5,631)
  • राज्य में 12 पी माइनस थ्री पोलिंग स्टेशन बनाए गए (5,586)
  • टिहरी राजपरिवार के पास 200 करोड से अधिक की संपत्ति (4,085)
  • कम मतदान प्रतिशत वाले बूथों पर जनजागरूकता में जुटा चुनाव आयोग (3,897)
  • प्रधानमंत्री माेदी और गृह मंत्री शाह जल्‍द आएंगे उत्‍तराखंड (3,827)
Himalaya Ki AwajHimalaya Ki Awaj
Follow US

© 2023 Himalaya Ki Awaj. All Rights Reserved. | Designed By: Tech Yard Labs

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?