सरकार के सहयोग और महिलाओं की मेहनत का अद्भुत संगम इस पहल को सफलता की राह पर ले जा रहा है। उद्यान विभाग, ग्रामोत्थान परियोजना और एनएचएलएम के संयुक्त प्रयासों से कोट ब्लॉक में 22 पॉली हाउस बनाए गए हैं, जिनमें से आठ में पहले चरण में ओरिएंटल और डासिंग स्टार किस्म के विदेशी बल्ब लगाए गए हैं।
इस परियोजना की सबसे खास बात यह है कि सरकार ने महिलाओं को हर कदम पर सहयोग देने का वादा किया है। उन्हें जिला योजना के तहत 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है और उत्पादन से लेकर बाजार तक पहुंचाने में पूरी मदद की जा रही है। फूलों की गुणवत्ता के अनुसार, ए-ग्रेड के फूल 80 रुपये, बी-ग्रेड के 70 रुपये और सी-ग्रेड के 60 रुपये तक बेचे जाएंगे, जिससे महिलाएं प्रति वर्ष 10 लाख रुपये तक की आय का लक्ष्य लेकर काम कर रही हैं। यह पहल न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही है, बल्कि उन्हें एक नई पहचान भी दे रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि “उत्तराखंड की मातृशक्ति हमारे राज्य का वास्तविक बल है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि कोट ब्लॉक की महिलाओं ने साबित कर दिया है कि दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से कुछ भी असंभव नहीं है। यह सिर्फ फूलों की खेती नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता, नवाचार और महिला सशक्तिकरण की एक जीवंत मिसाल है। धामी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार हर महिला को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और आत्मनिर्भर उत्तराखंड के सपने को साकार करने में हमारी मातृशक्ति सबसे बड़ी भागीदार बनेगी।
यह पहल पूरे राज्य के लिए एक प्रेरणा है। यह दिखाती है कि अगर सही सहयोग और मार्गदर्शन मिले, तो छोटे प्रयास भी बड़े बदलाव ला सकते हैं। पौड़ी की ये महिलाएं अब सिर्फ किसान नहीं, बल्कि बदलाव की प्रतीक बन गई हैं, जो पूरे उत्तराखंड को आत्मनिर्भरता की राह पर चलने का संदेश दे रही हैं।