NHAI’s Drone and AI Tech to Curb Road Accidents & Achieve ‘Zero Death’ Target
नई दिल्ली , 7 सितंबर 2025 : हर साल, भारत में लाखों लोग सड़क हादसों का शिकार होते हैं, और इनमें से हजारों अपनी जान गंवा देते हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में साल 2022 में 4.61 लाख से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 1.68 लाख लोगों की मौत हुई और करीब 4 लाख लोग गंभीर रूप से घायल हुए। ये आंकड़े सिर्फ नंबर नहीं हैं, बल्कि ये कई परिवारों की जिंदगी को हमेशा के लिए बदल देते हैं। इसी को ध्यान मे रख हादसें को कम करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने एक बड़ा कदम उठाया है। सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को रोकने के लिए एनएचएआई ने दिल्ली में एक खास ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया। इस प्रोग्राम में देश भर के सड़क सुरक्षा अधिकारी और ऑडिटर शामिल हुए। इसका मुख्य उद्देश्य सड़क सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों का समाधान खोजना और नई तकनीकों का इस्तेमाल करना था।
इस कार्यक्रम के दौरान ‘सेव लाइफ फाउंडेशन’ के सहयोग से कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। इसमें एक खास बात थी ड्रोन-आधारित एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और एमएल (मशीन लर्निंग) तकनीक का इस्तेमाल। इस तकनीक से यह पता लगाया जाएगा कि किन जगहों पर हादसे ज्यादा होते हैं और उनके पीछे की वजह क्या है।
ड्रोन करेगा हादसों की वजह का पता
एनएचएआई का नया ‘ड्रोन एनालिटिक्स मॉनिटरिंग सिस्टम’ (DAMS) हादसों वाली जगहों की डिटेल रिपोर्ट तैयार करेगा। इसके बाद उन जगहों पर सुरक्षा के उपाय किए जाएंगे, जिससे भविष्य में वहां कोई दुर्घटना न हो। यह सिस्टम न सिर्फ हादसों की पहचान करेगा, बल्कि उनकी निगरानी भी करेगा।
‘जीरो डेथ’ का महत्वाकांक्षी लक्ष्य
एनएचएआई के सदस्य विशाल चौहान ने बताया कि उनका लक्ष्य राष्ट्रीय राजमार्गों पर ‘जीरो डेथ’ यानी ‘शून्य मृत्यु दर’ हासिल करना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए इंजीनियरिंग, लोगों के व्यवहार और वाहनों की बनावट में सुधार पर ध्यान देना जरूरी है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री के.एन. श्रीवास्तव ने भी इस पहल की सराहना की और कहा कि आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके ही सड़क हादसों को कम किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि 2030 तक सड़क हादसों में होने वाली मौतों को 50% तक कम करने का लक्ष्य रखा गया है।
हादसे वाले जगहों की पहचान
सरकार ने देश भर में 77 राष्ट्रीय राजमार्गों पर 1,083 ऐसे ‘हाई फैटैलिटी जोन’ (High Fatality Zones) यानी ज्यादा मौतों वाले क्षेत्रों की पहचान की है। एनएचएआई इन जगहों पर सुरक्षा से जुड़े उपाय कर रहा है, ताकि लोगों की यात्रा सुरक्षित बन सके।