Monsoon Challenges Continue for Uttarakhand’s Chardham Yatra
देहरादून, 08 सितंबर 2025: उत्तराखंड चार धाम यात्रा के दूसरे चरण में भी मौसम की चुनौतियां कम होती नजर नहीं आ रहीं। वर्षा काल में पहाड़ इस कदर हिल चुका है कि भूस्खलन, भूधंसाव व भूकटाव थमने का नाम नहीं ले रहा। बादल अभी भी फट रहा है और हाईवे व पैदल यात्रा मार्गों पर पत्थर लगातार गिर रहे हैं। हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि 15 सितंबर से चारधाम यात्रा फिर गति पकड़ लेगी, लेकिन हालात अब भी विषम हैं। जबकि चारधाम के कपाट बंद होने में अब बामुश्किल डेढ़ माह का समय बचा है।
ठीक है कि छह सितंबर से बदरीनाथ व केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू हो चुकी है और यात्री भी ठीक ठाक संख्या में पहुंचने लगे हैं, लेकिन गंगोत्री और यमुनोत्री में भी अगले कुछ दिनों में ऐसा ही दृश्य देखने को मिलेगा, यह दावा करने की स्थिति में कोई नहीं है। कारण, धराली आपदा के बाद गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे बेहद खतरनाक हो गए है। हर्षिल और धराली के बीच भागीरथी नदी और स्यानाचट्टी में यमुना नदी पर बनी झील ने हाईवे को काफी कनहीं पAदेनामजोर कर दिया है और वह जगह-जगह धंस रहा है।विशेषकर यमुनोत्री हाईवे का फिलहाल संकट का पर्याय बना हुआ है। दोनों ही धाम में पिछले कई दिनों से एक भी यात्री के कदम नन्हीं पड़े।
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अब तक चारधाम पहुंचे यात्री
धाम यात्री
यमुनोत्री 5,86,492
गंगोत्री 6,69,214
केदारनाथ 14,82,647
बदरीनाथ 12,96,324
हेमकुंड साहिब 2,52,083
कुल 42,86,760
(नोट: यह आंकड़ा सात सितंबर तक का है)