Drug-Free Uttarakhand: FDA to Get 10 New Mobile Vans, Dehradun Lab to Be Upgraded
जांच बढ़ाने को मिलेंगी 10 नई मोबाइल वैन, लैब होगी अत्याधुनिक
देहरादून, 11 सितंबर 2025 : उत्तराखंड को नशामुक्त बनाने के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने व्यापक कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी क्रम में मंगलवार को स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त, FDA, डॉ. आर. राजेश कुमार ने विभागीय मुख्यालय का औचक निरीक्षण कर “ड्रग फ्री उत्तराखंड – 2025” अभियान की प्रगति की समीक्षा की।
निरीक्षण के दौरान सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिए कि अभियान को “युद्धस्तर पर” चलाया जाए और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह केवल एक नारा नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में एक ठोस अभियान है जिसका उद्देश्य उत्तराखंड को सुरक्षित, स्वस्थ और नशामुक्त समाज में बदलना है।
छापेमारी तेज़ , प्रवर्तन का दायरा बढ़ा
डॉ. कुमार ने जानकारी दी कि अब तक राज्यभर में 450 से अधिक मेडिकल स्टोरों और 65 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स पर छापेमारी की जा चुकी है। क्विक रिस्पॉन्स टीमों के गठन से कार्रवाई की गति में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। विशेष रूप से नेपाल सीमा से लगे क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
ड्रग्स पर ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति
निरीक्षण के दौरान डॉ. कुमार ने साफ किया कि नकली दवाओं और नशीले पदार्थों के खिलाफ विभाग की नीति “जीरो टॉलरेंस” की है। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, क्योंकि दवाओं की गुणवत्ता सीधे लोगों के स्वास्थ्य और विश्वास से जुड़ी हुई है। FDA सचिव ने बताया कि वर्तमान में विभाग के पास 3 मोबाइल वैन हैं जो सैंपलिंग के काम में लगी हैं। आने वाले 2–3 महीनों में 10 और अत्याधुनिक मोबाइल वैन मिलने जा रही हैं। साथ ही देहरादून स्थित लैब को आधुनिक उपकरणों से लैस किया जाएगा जिससे जांच प्रक्रिया और तेज़, पारदर्शी तथा वैज्ञानिक होगी।
नए औषधि निरीक्षक, डिजिटल ट्रैकिंग और सीमांत ज़िलों पर फोकस
बैठक में प्रवर्तन कार्यों को मजबूत करने के लिए कई निर्णय लिए गए, जिनमें शामिल हैं:
18 नव नियुक्त औषधि निरीक्षकों को स्पष्ट लक्ष्य देना
न्यायालयों में लंबित मामलों की प्रभावी पैरवी
अभिलेखों की एकरूपता और डिजिटल डॉक्यूमेंटेशन
Repeated Offenders की पहचान और ट्रैकिंग
चमोली, पिथौरागढ़ और चम्पावत जैसे सीमांत जिलों में सर्विलांस बढ़ाना
विभागीय गतिविधियों पर आधारित Digital Repository और Coffee Table Book तैयार करना
अंतर्राज्यीय समन्वय और वितरण नेटवर्क पर होगी कड़ी निगरानी
अगले तीन महीनों को “निर्णायक” बताते हुए डॉ. कुमार ने कहा कि औषधि विक्रेताओं के distribution नेटवर्क की जांच की जाएगी और अंतर्राज्यीय समन्वय को और सशक्त किया जाएगा, ताकि किसी भी तरह की गैरकानूनी गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।
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