आपदा के तीन दिन बाद भी जिला प्रशासन युद्धस्तर पर राहत कार्यों में जुटा हुआ है। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में भोजन, पानी और राशन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। बांदल घाटी के उन गांवों में, जहां सड़क मार्ग से पहुंचना संभव नहीं है, हेलीकॉप्टर के माध्यम से 300 किट राशन और छमरौली गांव में 300 लोगों के लिए फूड पैकेट पहुंचाए गए। इसके अलावा, कार्लीगाड, मजयाडा और सेरा गांवों में दो महीने का राशन और गैस सिलेंडर भी वितरित किए गए हैं।
जिला प्रशासन की टीम क्षतिग्रस्त सड़कों और पुलों की मरम्मत में भी तेजी से काम कर रही है। मसूरी-देहरादून और मालदेवता-रायपुर मार्ग को छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है। एसडीएम सदर हरिगिरी की देखरेख में मजयाडा गांव में मलबे में दबे तीन लोगों की तलाश के लिए डॉग स्क्वायड की मदद ली जा रही है। जहां पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त हुई हैं, वहां टैंकरों के माध्यम से पानी पहुंचाया जा रहा है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि सभी प्रभावित क्षेत्रों में अधिकारी और कर्मचारी मोर्चा संभाले हुए हैं।