British-Era Railway Line Reappears in Ganga River, Haridwar – 175-Year-Old Historical Track
देहरादून, 6 अक्टूबर 2025 : हरिद्वार में दशहरा के बाद गंगनहर को 19 अक्टूबर तक बंद किए जाने के चलते इस बार भी हरकी पैड़ी के पास गंगा की रेत में ब्रिटिश शासनकाल की पुरानी रेलवे लाइन एक बार फिर दिखाई देने लगी है। यह वही रेल ट्रैक है जो वर्ष 2024 में पहली बार नजर आई थी और अब दोबारा इतिहास की झलक दिखा रही है।
जानकारी के अनुसार, वर्ष 1850 के आसपास गंगनहर के निर्माण के समय यह रेल पटरी बिछाई गई थी। उस दौरान इस रेलवे लाइन पर चलने वाली हाथ गाड़ियों से निर्माण सामग्री ढोई जाती थी। बताया जाता है कि गंगनहर लार्ड डलहौजी की एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना थी, जिसे ब्रिटिश इंजीनियर कोटले के सुपरविजन में तैयार किया गया था।
करीब तीन किलोमीटर लंबी यह रेलवे लाइन हरिद्वार रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर रेत में दबे इतिहास की गवाही दे रही है। भीमगोड़ा बैराज से लेकर तटबंध निर्माण तक अंग्रेज अधिकारी इन्हीं ट्रैकों पर चलने वाली गाड़ियों से निरीक्षण करने पहुंचते थे।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह रेल ट्रैक लगभग 175 वर्ष पुराना है और हर साल नहर बंदी के दौरान जब गंगा का जलस्तर घटता है, तब यह पटरियां नजर आने लगती हैं। पुरानी धरोहर को देखने के लिए स्थानीय लोग और पर्यटक उत्सुकता के साथ स्थल का रुख कर रहे हैं, जिससे यह ऐतिहासिक अवशेष अब एक बार फिर चर्चा का केंद्र बन गया है।