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Himalaya Ki Awaj > Blog > Uncategorized > कांवड यात्रा के दौरान कांवडियों को रखना होगा पहचान पत्र
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कांवड यात्रा के दौरान कांवडियों को रखना होगा पहचान पत्र

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Last updated: 2023/06/16 at 1:01 PM
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13 Min Read
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देहरादून : उत्‍तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार की अध्यक्षता में 18 वीं अन्तर्राज्यीय व अन्तरइकाई समन्वय बैठक (18th Inter State & Inter Agencies Co-ordination Meeting) का आयोजन पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में किया गया, जिसमें उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, सीआरपीएफ, रेलवे सुरक्षा बल, आसूचना ब्यूरो के अधिकारियों ने प्रत्यक्ष एवं ऑनलाइन प्रतिभाग किया। निर्णय लिया गया कि कांवड यात्रा के दौरान कांवडियों को अपने पास पहचान पत्र रखना होगा।

डीजीपी ने अपने उद्बोधन में कहा कि दिनांक 04 से 15 जुलाई तक कांवड़ यात्रा है। कांवड़ एक बहुत बड़ा धार्मिक आयोजन है। कुम्भ/अर्द्धकुम्भ की तुलना में कांवड़ यात्रा में युवाओं की संख्या अधिक होने से इसकी संवेदनशीलता बढ़ जाती है। इस बैठक का उद्देश्य उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल, पंजाब, राजस्थान व अन्य एजेन्सियों के पारस्परिक सहयोग से कांवड़ यात्रा को सकुशल व शान्तिपूर्वक सम्पन्न कराना है। उन्होंने अधिकारियों से अभी से कांवड़ यात्रा हेतु पुलिस प्रबन्ध किये जाने की तैयारियों में लगने की अपेक्षा की, ताकि कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी समस्या का सामना ना करना पड़े। सुरक्षा व्यवस्था एवं भीड़ प्रबन्धन हेतु ड्रोन, सीसीटीवी का प्रयोग और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग को बढ़ाया जाएगा। साथ ही शिवभक्तों से सोशल मीडिया के माध्यम से अपील की जायेगी की कांवड़ यात्रा को शान्तिपूर्वक सम्पन्न कराने में पुलिस प्रशासन का सहयोग करें।

बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक अभिसूचना एवं सुरक्षा- श्री ए पी अंशुमान ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से कांवड़ यात्रा के साम्प्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील होने और राष्ट्र विरोधी तत्वों पर सतर्क दृष्टि रखने के सम्बन्ध में बताया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, हरिद्वार- श्री अजय सिंह ने कांवड़ मेले के दौरान किए जाने वाली पुलिस व्यवस्थाओं, यातायात प्रबन्धन, भीड़ नियन्त्रण, यात्रा रूट पर किये जाने वाले पुलिस प्रबन्ध, कावड़ यात्रा के दौरान विगत वर्षाे में होने वाली दुर्घटनाओं व पार्किंग आदि के बारे में प्रस्तुतिकरण किया। उन्होंने बताया की विगत 15-20 वर्षों से प्रत्येक वर्ष कांवड़ियों की संख्या में भारी वृद्धि हो रही है। इस वर्ष लगभग 4 करोड़ कांवड़ियों के उत्तराखण्ड आने की सम्भावना है। इस वर्ष सम्पूर्ण कांवड़ क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 32 जोन और 130 सैक्टर में विभाजित किया गया है, जिसमें पुलिस व्यवस्था में लगेंगे। उन्होंने कांवड़ यात्रा की व्यवस्था में लगे सभी नोडल अधिकारियों का व्हाटसएप ग्रुप बनाने, अन्तर्राज्यीय बैरियरों पर संयुक्त पुलिस चैकिंग करने, सोशल मीडिया पर भेजे जाने वाले संदेशों की निगरानी रखने आदि के सम्बन्ध में सभी अधिकारियों से सहयोग की अपील की।

उन्होंने बताया कि कांवड़ यात्रियों की सुविधा हेतु हरिद्वार पुलिस ने QR Code जारी किया गया है, जिसमें वाहन पार्किंग, रूट डायवर्जन, खोया-पाया सेल सहित सभी महत्वपूर्ण जानकारी है। सम्पूर्ण कांवड़ मेला क्षेत्र 333 सीसीटीवी से कवर है, जिसमें Public Address System भी लगे हैं। घाटों पर जल पुलिस की तैनाती सहित थाना स्तर पर सघन सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है।

श्री राजीव सभरवाल- अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था, मेरठ जोन उत्तर प्रदेश ने अपने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से भीड़ और यातायात प्रबन्धन पर प्रस्तुतिकरण दिया गया। उन्होंने बताया कि Eastern Peripheral Expressway और Delhi-Meerut Expressway को ध्यान में रखते हुए कांवड़ यात्रा के दौरान ट्रैफिक डायवर्जन प्लान बनाया जाए। प्रमुख चौराहों एवं कांवड़ यात्रा मार्गों पर साइन बोर्ड लगाए जाएं। सम्पूर्ण कांवड़ यात्रा मार्ग को सीसीटीवी एवं डायल 112 से कवर किया गया है। प्रमुख चौराहों एवं मार्गों पर इलैक्ट्रॉनिक साईन बोर्ड एवं संकेतक लगाये जा रहे है। शरारती तत्वों एवं अनावश्यक रूप से उपद्रव करने वाले कारकों को रोकने में एक दूसरे का पूरा सहयोग किया जाएगा और संयुक्त अभिसूचना तंत्र विकसित कर लाभप्रद सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाएगा।

बैठक में ऑनलाइन प्रतिभाग कर रहे स्पेशल पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तर प्रदेश- श्री प्रशांत कुमार ने परस्परिक समन्वय हेतु सीमवर्ती जनपदों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाये जाने पर जोर दिया। उन्होने सूचनाओं के आदान-प्रदान हेतु संयुक्त वायरलैस कन्ट्रोल रूम बनाने एवं अन्तर्राज्यीय बैरियरों/चैक पोस्टों पर संयुक्त पुलिस बल नियुक्त करने की बात कही। कांवड़ क्षेत्र में कोई घटना दुर्घटना न हो इसके प्रयास किये जाए।

श्रीमती ममता सिंह- अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, हरियाणा ने कांवड़ यात्रा संचालन हेतु पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि कांवड़ अयोजन समितियों से वार्ता कर कांवड़ यात्रा में डीजे की ध्वनि को नियंत्रित करने व लाठी डन्डे, नुकीले भाले व अन्य हथियार साथ न ले जाने हेतु अनुरोध किया जाएगा।

श्री विवके किशोर- Joint C.P. Northern Region Delhi व श्रीमती छाया शर्मा Joint C.P. Eastern Region Delhi ने कहा कि हमारा ट्रांजिट का कार्य है। शिवभक्तों को कावंड़ यात्रा हेतु सेफ और सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराया जाएगा।

श्री गुरिन्दर सिंह- अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, पंजाब ने नियमित सहयोग और समन्वय पर जोर दिया। साथ ही भीड़ नियंत्रण हेतु ड्रोन के इस्तमाल, सुरक्षित व तेज कम्यूनिकेशन के लिए वायरलैस का प्रयोग करने पर जोर दिया।

श्री एस सैंगाथिर- अपर पुलिस महानिदेशक, अभिसूचना, राजस्थान ने बताया कि कांवड़ यात्रा में मुख्यतः पूर्वोत्तर राजस्थान से लोग आते हैं। कांवड़ यात्रा संचालन हेतु बैठक में जारी सभी निर्देशों का अनुपालन कराया जाएगा।

श्री भानु प्रताप सिंह- पुलिस महानिरीक्षक, सीआरपीएफ ने कांवड़ यात्रा में सुरक्षा व्यवस्था हेतु सीआरपीएफ की अतिरिक्त कम्पनी भेजने का आश्वासन दिया।

श्री शनमुगा वेदीवेल एस- Sr. DSC आरपीएफ ने सुरक्षा इनपुट पर कार्य करने और रेलवे का सुरक्षा स्टेटस बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सभी छोटे और बड़े रेलवे स्टेशनों को सीसीटीवी से कवर किया जाएगा। साथ ही आरपीएफ और जीआरपी द्वारा संयुक्त पेट्रोलिंग और एस्कॉट किया जाएगा।

श्रीमती सतवंत अटवल त्रिवेदी- अपर पुलिस महानिदेशक अभिसूचना एवं श्री रमन कुमार मीणा- पुलिस अधीक्षक सिरमौर, हिमाचल प्रदेश ने बताया कि प्रदेश से कुल्हाल के रास्ते कांवड़िये उत्तराखण्ड में प्रवेश करते हैं। इस सम्बन्ध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून के साथ समय-समय सूचना साझा की जाएगी।

बैठक में निम्न बिन्दुओं पर भी विचार विमर्श किया गयाः-
1. DGsP/IGsP सम्मेलन में निर्देशों के क्रम में पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड ने सभी प्रदेशों के अधिकारियों ने अपने-अपने प्रदेश से युवा अधिकारियों को कांवड़ यात्रा ड्यूटी का अनुभव लेने हेतु उत्तराखण्ड भेजने का अनुरोध किया।
2. पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड द्वारा समन्वय बैठक में सम्मिलित सभी अधिकारियों से कांवड़ मेले को सकुशल सम्पन्न करने हेतु सक्रिय सहयोग व निरंतर सूचनाओं के अदान-प्रदान की अपेक्षा की गयी तथा वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य में और अधिक व्यवसायिक दक्षता और सहयोग से कार्य करने की आवश्यकता व्यक्त की।
3. कांवड़ियों पर सीसीटीवी और ड्रोन से नजर रखी जाएगी ताकि कोई अनहोनी न हो।
4. आगामी सावन माह की अवधि के दृष्टिगत कांवड़ यात्रा के समापन उपरान्त भी प्रत्येक सोमवार, सोमवती अमावस्या, एवं मोहर्रम को देखते हुए वर्तमान प्रबन्धों को बनाए रखने के निर्देश दिए गए।
5. माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा ध्वनि विस्तारकों से ध्वनि प्रदूषण के नियंत्रित करने हेतु आम जन को जागरूक करते हुए डीजे के प्रयोग को नियंत्रित करने में सहयोग करने की अपील की गयी, जिससे कि कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे युक्त कांवड़ के प्रचलन को नियंत्रित किया जा सके।
6. विगत में कांवड़ की ऊँचाई अधिक होने के कारण घटित दुर्घटनाओं को रोकने हेतु प्रतिभागी अधिकारियों से अपने-अपने प्रदेश क्षेत्रों में कांवड़ की ऊँचाई 12 फीट से कम रखे जाने सम्बन्धी परामर्श का व्यापक प्रचार-प्रसार किये जाने के निर्देश दिये गये। क्योंकि रेलवे लाइनों का विधुतिकरण हो गया है और ऊँची कांवड़ से दुर्घटना होने की सम्भावना बनी रहती है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार को निर्देशित किया गया कि कांवड़ बनाने वाले व्यक्तियों को भी इस बिन्दु से अवगत कराते हुए अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
7. सुरक्षा संवेदनशीलता के दृष्टिगत कांवड़ यात्रा क्षेत्र एवं शिविरों में कार्यरत व्यक्तियों का गहन सत्यापन कराया जाना आवश्यक है।
8. कांवड़ यात्रा के दौरान चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए उनके लिए पृथक मार्गों का निर्धारण करते हुए दिल्ली से ही चारधाम यात्रा मार्ग का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
9. कांवड़ यात्रा के दौरान सोशल मीडिया पर भ्रामक व असत्य प्रचार-प्रसार की कानून व्यवस्था विषयक संवेदनशीलता को देखते हुए सभी राज्यों से सोशल मीडिया मॉनिटरिंग को और अधिक फोक्सड किये जाने का आह्वाहन करते हुए इस प्रकार के भ्रामक प्रचार एवं अफवाहों की तत्काल शेयरिंग करने का अनुरोध किया गया, जिससे कि सत्यता का परीक्षण कर तदानुसार काउन्टर एवं खण्डन की प्रक्रिया प्रारम्भ की जा सके।
10. हरिद्वार से दिल्ली/मेरठ वापस जाने हेतु कांवड़ियों हेतु हाईवे के बाएं ओर को उपयोग करने का निर्णय लिया गया। साथ ही इस दौरान लगने वाले शिविर एवं भण्डारे हाईवे के बाएं ओर ही मुख्य मार्ग से 20 से 30 फीट दूर लगाने हेतु अनुमित प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
11. कांवड़ यात्रा के दौरान कांवडियों को अपना साथ पहचान पत्र रखने का भी निर्णय लिया गया, जिससे किसी भी घटना-दुर्घटना में पहचान करने में सहायता हो।
12. रेल की छतों पर यात्रा ना करने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये। साथ ही शराब एवं मादक पदार्थों के सेवन न करने के सम्बन्ध में कांवड़ियों को जागरुक किया जाये।
13. अन्तर्राज्यीय बैरियरों/चैक पोस्ट- चिड़ियापुर बैरियर, नारसन चैक पोस्ट, लखनौता चैक पोस्ट, काली नदी बैरियर एवं गौवर्धन चैक पोस्ट पर संदिग्ध व्यक्तियों एवं वाहनों की सीमावर्ती प्रदेशों के साथ संयुक्त चैकिंग।
14. हरिद्वार पुलिस द्वारा कांवड़ यात्रा से सम्बन्धित सभी सूचनाओं के लिए QR Code बनाया गया है। इसका सभी प्रदेशों में प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
15. अति आवश्यक सेवाओं के वाहनों एवं भारी वाहनों के संचालन हेतु अलग से यातायात प्लान बनाया जाने का निर्णय लिया गया।
16. सम्पूर्ण कांवड़ यात्रा मार्ग पर मेडिकल कैम्प और एम्बुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया।

बैठक के समापन में श्री अशोक कुमार ने कहा कि सीमावर्ती प्रदेशों से अपेक्षा की जाती है कि कांवड़ यात्रा के मार्गों का अपने-अपने जनपदों में व्यापक प्रचार-प्रसार करें। साथ ही कांवड़ यात्रा के दौरान चारधाम/मसूरी एवं देहरादून आने वाले यात्रियों को लिए हरिद्वार से हटकर तैयार किये गये अलग रुट का भी प्रचार-प्रसार किया जाये। घटनाओं एवं तत्काल सूचनाओं के आदान-प्रदान करने हेतु मुख्यालय स्तर पर एवं सीमावर्ती जनपदों के जनपद, सर्किल, थाना एवं चौकी स्तर पर संयुक्त व्हट्सएप ग्रुप बना लिए जाएं। नवीन तकनीकों का उपयोग करते हए सम्पूर्ण कांवड मेला क्षेत्र में Public Address System का प्रयोग किया जाए। कांवड़ियों को डूबने से बचाने के लिए घाटों पर एसडीआरएफ और जल पुलिस सुरक्षा उपकरणों के साथ तैनात रहे। मुझे पूर्ण विश्वास है कि हम सभी आपसी समन्वय एवं सहयोग से कांवड़ यात्रा 2023 को और अधिक बेहतर, सफल व शांतिपूर्वक संपन्न करायेगें।

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