देहरादूनः देहरादून के जाखन में रोटविलर नस्ल के डॉगी ने कार के बगल में खड़े स्कूटर सवार को काट लिया। आरोप है कि पीड़ित ने डॉगी के हमले का विरोध किया तो कार सवार मां-बेटी ने छेड़छाड़ के झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। आरोपी महिला और उसकी बेटी के खिलाफ स्कूटर सवार ने राजपुर थाने में केस दर्ज कराया है।
जाखन चौकी इंचार्ज विकेंद्र कुमार ने बताया कि निचिन जोस, मूल निवासी केरल, हाल निवासी बेंगलुरु ने तहरीर दी है। निबिन ने बताया कि यह 27 जनवरी को दून में थे। जाखन में एक व्यक्ति के साथ स्कूटर पर पीछे बैठकर सफर कर रहे थे। ट्रैफिक जाम में एक जगह उनका स्कूटर रुका। उनके बगल में एक कार भी रुकी। उसमें पीछे रोटविलर नस्ल का डॉगी बैठा हुआ था।
उनका आरोप है कि डॉगी ने कार के शीशे से मुहं बाहर निकाला और निचिन के हाथ पर झपट्टा मार दिया। डॉगी ने जैकेट पहने निचिन के बांह में इतनी तेजी से काटा कि गहरा घाव हो गया। उन्होंने हाथ पीछे खींचा तो डॉगी की कार के शीशे से कूदकर बाहर आ गया। निचिन ने कुत्ते को लापरवाही से ले जाने पर आपत्ति जताई।
आरोप है कि इस दौरान दिल्ली निवासी मां और बेटी अपनी गलती मानने के बजाए पीड़ित से ही उलझ गए। तब पीड़ित ने जाखन चौकी में तहरीर दी। पुलिस ने कार नंबर के आधार पर उसमें सवार महिला और उसकी बेटी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने आरोपी महिला और उसकी बेटी से संपर्क कर लिया है और दोनों को दून बुलाया गया है।
कुतों के काटने पर दून-कोरीनेशन अस्पताल में रोजाना 200 लोग इंजेक्शन लगवाने पहुच रहे है। दून अस्पताल में डॉग बाइट सेक्शन प्रभारी फार्मासिस्ट तनुजा ने बताया कि रोजाना 100 से 140 लोग इंजेक्शन लगवाने आ रहे हैं। इनमें पहली डोज वाले 40-50 होते हैं। उपर, कोरोनेशन में रोजाना 50 से 80 लोगों को इंजेक्शन लग रहे हैं। जिनमें नए 20 से 30 होते हैं।
देहरादून: दून शहर में लोग पालतु डॉगी का पंजीकरण करवाने में रुचि नहीं ले रहे। इस साल अब तक मात्र तीन हजार लोगों ने प्रक्रिया पूरी की है। जबकि संख्या इससे कई गुना ज्यादा है। निगम के पशु चिकित्सा अनुभाग का अनुमान है कि फलतू डॉगी की संख्या करीब पचीस हजार या इससे ज्यादा होगी। लेकिन पंजीकरण करवाने वालों की संख्या काफी कम है। टीम द्वारा समय समय पर चेकिंग अभियान चलाकर सुबह और शाम डॉगी घुमाने वाली के लाइसेंस चेक किए जा रहे हैं। नियम का पालन नहीं करने वालों का पांच सौ रुपये तक चालान काटा जा रहा है। बावजूद इसके सख्ती का असर कम देखने को मिल रहा है। वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी डॉ. डीसी तिवारी ने बताया कि पंजीकरण नहीं करवाने वालों पर कार्रवाई होगी।