देहरादून : खनन निदेशक एसएल पैट्रिक को बंधक बनाने का आरोप ओमप्रकाश तिवारी नाम के व्यक्ति पर है। जिसने पहले खनन निदेशक पैट्रिक के साथ एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी के आधार पर जान पहचान बढ़ाई और उसके बाद निदेशक को अपनी कार में ले जाकर बल्लूपुर स्थित गेस्टहाउस में बंधक बना लिया। इस प्रकरण में कैंट पुलिस ने ओम प्रकाश तिवारी निवासी आदर्श विहार कारगी रोड के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर लिया।
खनन निदेशक एसएल पैट्रिक की ओर से कैंट पुलिस को दी गई तहरीर के मुताबिक कुछ समय पहले उनकी मुलाकात सचिवालय में अपर सचिव लक्ष्मण सिंह के कार्यालय में हुई। ओम प्रकाश तिवारी ने खुद को लक्ष्मण सिंह का करीबी बताया। साथ ही इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि वह खनन के क्षेत्र में काम करना चाहत है। लिहाजा, उन्हें इस बारे में पूरी जानकारी चाहिए।
खनन पट्टों की ई-निविदा एवं स्टोन क्रशर आदि की जानकारी के लिए ओम प्रकाश तिवारी अक्सर शासन में ही अपर सचिव लक्ष्मण सिंह के कार्यालय कक्ष में खनन निदेशक एसएल पैट्रिक से मिलता रहा। अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में ओम प्रकाश तिवारी ने खनन संबंधी कार्य एंव निविदाओं की जानकारी के लिए व्यक्तिगत मुलाकात का आग्रह किया। निदेशक ने ओम प्रकाश को पहले 08.04.2024 की शाम को मिलने के लिए कहा गया, लेकिन शासकीय कार्य में व्यस्त रहने के कारण ओम प्रकाश तिवारी को काल कर 09 अप्रैल को मुलाकात के लिए कहा गया।
09.04.2024 की शाम को करीब 08.00 बजे खनन निदेशक जब घर पहुंचे तो इसके लगभग 25 मिनट बाद ही ओम प्रकाश तिवारी अपनी कार से उनके वसंत विहार स्थित घर पर पहुंच गया। हालांकि, ओम प्रकाश ने घर मे मुलाकात न करते हुए कहीं बाहर मुलाकात के लिए कहा। खनन निदेशक ने चालक को कार निकालने के लिए कहा तो ओम प्रकाश ने जोर देते हुए उन्हें अपनी कार में बैठा लिया। हालांकि, खनन निदेशक का चालक उनकी कार लेकर पीछे-पीछे आता रहा।
ओमप्रकाश तिवारी ने आसपास के किसी रेस्तरां में कार नहीं रोकी और कार लेकर बल्लूपुर चौक के पास शारदा पैलेस गेस्ट हाउस में पहुंच गया। आरोपी ने इसे अपना गेस्ट हाउस बताया। शायद यहां के प्रथम तल पर स्थित कमरा नम्बर-101 में पहले से मुलाकात की व्यवस्था की गई थी। थोड़ी देर में ओम प्रकाश ने मेज पर नमकीन और शराब की बोतल रख दी। साथ ही शराब पीने के लिए दबाव भी बनाने लगा। खनन निदेशक एसएल पैट्रिक ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए शराब नहीं पी।
आरोप है कि इसके बाद ओम प्रकाश तिवारी ने खनन संबंधी जानकारी पूछने की जगह यह कहना शुरू कर दिया कि उसे उनकी पत्नी और बेटे की पूरी जानकारी है। आप या आपके परिवार का कौन सा सदस्य कब और कहां आता-जाता है, पूरी खबर है। साथ ही दबाव बनाया कि उसके नाम पर खनन का पट्टा कर दिया जाए या 50 लाख रुपये का इंतजाम किया जाए। ओम प्रकाश ने कहा कि आपने खनन में मोटा माल कमाया है, लिहाजा उनकी बात मानकर पैसों आदि का इंतजाम करवा दो।
खनन निदेशक को ओम प्रकाश की गलत मंशा का आभास हुआ तो वह उठकर जाने लगे। लेकिन, तभी अभियुक्त ओम प्रकाश तिवारी ने उनका हाथ पकडकर पलंग पर खींचा और अपने साथी/कर्मचारी को बाहर भेजकर बाहर से दरवाजा बंद करा दिया। अभियुक्त द्वारा धमकी व प्रताडना देकर प्रार्थी से कहा गया कि वह खनन के दुधारू विभाग का निदेशक है और मोटी आसामी है, अतः प्रार्थी उसे 50 लाख रुपये नगद दे दे और अपने विभाग में पंजीकृत किसी स्टोन क्रशर या खनन पट्टे में उसकी हिस्सेदारी करवा दे।
अन्यथा वह प्रार्थी व उसके परिवार को जान-माल का नुकसान पहुंचाएगा। धमकाते हुए उसने यह भी कहा कि उसके पास प्रार्थी एवं उसके परिवार के विरुद्ध सबूत हैं, क्योंकि वह पिछले 02 माह से अपने 30-35 गुर्गों के माध्यम से जाल फैलाकर न सिर्फ प्रार्थी व उसके परिवार रेकी करा रहा है, बल्कि सभी बड़े-बडे अधिकारियों का चिट्ठा भी उसके पास है। उसे सब पता है कि प्रार्थी, उसकी पत्नी एवं उसका बेटा क्या काम करता है और कब-कब, कहां-कहां आते-जाते हैं, किस-किस से मिलते हैं। वह सभी की खोज खबर रखता है, यदि उसे पैसा व हिस्सेदारी नहीं दी गई तो यह प्रार्थी व उसके परिवार को तबाह कर देगा।
इसके बाद ओम प्रकाश ने खुद को पत्रकारिता जगत का व्यक्ति बताकर प्रार्थी को डराया और अपने किसी साथी को मोबाइल से कॉल कर रस्सी लाने के लिए कहा, ताकि प्रार्थी को बंधक बनाकर अपनी कुचेष्ठा में सफल हो सके। प्रार्थी ने उसके भयानक इरादों को भांपकर, जैसे-तैसे किसी तरह अपना हाथ छुडाकर अपने मोबाईल से ड्राईवर बबलू को गेस्टहाउस में आकर उसे छुड़ाने को कहा। प्रार्थी की खुशकिस्मती रही कि उसके ड्राईवर बबलू ने समय रहते दिलेरी दिखाकर किसी तरह से उन्हें छुड़ा लिया।