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Reading: उत्तराखंड आइडिया एक्सचेंज : जलवायु और संविधान पर कार्यशाला
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Himalaya Ki Awaj > Blog > उत्तराखंड > उत्तराखंड आइडिया एक्सचेंज : जलवायु और संविधान पर कार्यशाला
उत्तराखंड

उत्तराखंड आइडिया एक्सचेंज : जलवायु और संविधान पर कार्यशाला

Web Editor
Last updated: 2024/08/17 at 7:01 AM
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4 Min Read
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देहरादून: दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र तथा सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज (एसडीसी) फाउंडेशन द्वारा उत्तराखंड में जलवायु संकट से निपटने के लिए उत्तराखंड आइडिया एक्सचेज सीरीज के तहत युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। दून पुस्तकालय के सभागार में आयोजित इस कार्यशाला में देहरादून शहर के दून विश्वविद्याालय, महादेवी कन्या पाठशाला, जिज्ञासा विश्वविद्यालय, गढ़वाल विश्वविद्यालय, डीएवी कालेज, श्री गुरूराम राय कालेज तथा दून पुस्तकालय के युवा छात्रों ने प्रतिभाग किया।

युवाओं की कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड में जलवायु परिवर्तन से संबंधित जानकारी का आदान प्रदान कर वर्तमान और भविष्य का मूल्यांकन करना और युवा समुदाय में जलवायु संबंधी चुनौतियों के लिए नवीन सोच और समस्या-समाधान को प्रोत्साहित करना था। इसके अलावा इस कार्यशाला आयोजन का उद्देश्य युवाओं को प्रेरित व संगठित करने के लिए नेतृत्व कौशल को बढ़ावा देना था। इस के साथ बिगड़ती जलवायु स्थिति को लेकर नीतियों की वकालत करने व युवाओं को उत्तराखंड में पर्यावरणीय मुद्दों से संबंधित प्रक्रियाओं में प्रतिभाग के लिए प्रोत्साहित करना आदि भी था।

कार्यशाला समूह चर्चा के माध्यम से 40 से ज्यादा युवाओं ने प्रदेश में जलवायु संकट और संभावित समाधानों पर 6 समूहों में विचार-मंथन किया। कार्यशाला में प्रतिभागियों ने चार्ट पेपर, पेन और रंगों का उपयोग करके जलवायु परिवर्तन पर अपने रचनात्मक विचार तैयार करने के पश्चात उन्हें सत्र में प्रस्तुत किया। युवाओं ने अपने विचारों को विभिन्न रचनात्मक और कला आधारित रूपों जैसे ड्राइंग, पेंटिंग, स्केचिंग, कविता, गीत और शब्दों के माध्यम से व्यक्त किया। युवाओं ने अपनी मौलिक व रचनात्मक प्रस्तुति के बाद, युवा सशक्तिकरण और जलवायु समाधानों में भागीदारी पर क्षमता निर्माण पर चर्चा भी की।

कार्यशाला के प्रारम्भ में एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अप्रैल 2024 में एमके रंजीत सिंह बनाम भारत संघ के ऐतिहासिक मामले पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा की जलवायु परिवर्तन के खिलाफ नागरिकों के मौलिक अधिकार को मान्यता देने का यह निर्णय भारत के पर्यावरण न्यायशास्त्र के इतिहास में एक उल्लेखनीय विकास का प्रतीक है जो हमारे जलवायु कार्रवाई प्रयासों को नई गति प्रदान करेगा।

अनूप नौटियाल ने कहा की इसी परिप्रेक्ष्य में इस महत्वपूर्ण जानकारी के दूरगामी प्रभावों को और अधिक गंभीरता से जानने और समझने के लिए दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के साथ मिलकर उत्तराखंड आइडिया एक्सचेंज को आयोजित किया जा रहा है।उत्तराखंड आइडिया एक्सचेंज के दौरान जलवायु परिवर्तन के तीन कार्यक्रमों की एक श्रृंखला की योजना बनाई गयी है कि यह बदलाव किस तरह उत्तराखंड में जलवायु संरक्षण में सहायता कर सकते हैं। युवा कार्यशाला के उपरांत आने वाले दिनों में उत्तराखंड आइडिया एक्सचेंज के तहत सितम्बर में पैनल डिस्कशन और अक्टूबर में राउंड टेबल डिस्कशन का आयोजन किया जायेगा।

कार्यशाला की शुरुआत में दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के प्रोग्राम एसोसिएट चन्द्रशेखर तिवारी ने उपस्थित सभी युवा प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि एसडीसी फाउंडेशन की ओर से यह अभिनव प्रयास किया गया है। आशा है इस कार्यशाला में विचार संवादों से युवाओं को राष्ट्रीय स्तर के साथ ही स्थानीय जलवायु संकट से निपटने की दिशा मे उनकी मौलिक रचनात्मक सोच विकसित होगी।

एसडीसी फाउंडेशन के गौतम कुमार द्वारा युवाओं को कार्यशाला सन्दर्भ और उसकी प्रक्रिया पर विस्तार से जानकारी दी गई। अंत में सामाजिक विचारक बिजू नेगी ने उपस्थित सभी युवा प्रतिभागियों का कार्यशाला में प्रतिभाग करने के लिए धन्यवाद दिया। कार्यशाला के अंत में उपस्थित प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी प्रदत्त किये गये।

 

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