देहरादून : आखिरकार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयास रंग लाए और पिथौरागढ़ जिले में गौरीगंगा नदी पर प्रस्तावित 120 मेगावाट क्षमता की सिरकारी भ्योल रूपसियाबाग जलविद्युत परियोजना को वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की वन सलाहकार समिति (एफ़एसी) को हरी झंडी दिखा दे दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि एफ़एसी द्वारा यूजेवीएनएल (UJVNL) के सिरकारी रुपसियाबगड़ जलविद्युत परियोजना, पिथौरागढ़ को स्वीकृति मिलना हमारे राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह न सिर्फ़ प्रदेश की जलविद्युत क्षमता को मज़बूती देगा बल्कि स्थानीय विकास, रोज़गार और हरित ऊर्जा की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित होगा।
परियोजना के कार्यान्वयन के लिए 29.997 हेक्टेयर वन भूमि हस्तांतरित करने के प्रस्ताव पर वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की वन सलाहकार समिति द्वारा विचार किया गया। इस महत्वपूर्ण बैठक में परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई।
सूत्रों के अनुसार परियोजना को पर्यावरण की दृष्टि से बहुत संवेदनशील तरीके से डिजाइन किया गया है।लगभग एक किलोमीटर लम्बी सुरंग का निर्माण होने तथा अधिकांश संरचनाएं भूमिगत होने के कारण वन भूमि पर प्रभाव नगण्य होगा। परियोजना क्षेत्र में कोई राष्ट्रीय उद्यान, वन्यजीव अभ्यारण्य या पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र नहीं है, न ही इससे किसी प्रकार का विस्थापन होगा