सुबह से छह सेे सात बजे का स्लाट था आवंटित, सुबह साढे पांच बजे के करीब हो गया था हादसा
आर्यन एवियेशन कंपनी के दो अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज
एसओपी का अनुपालन नहींं कर रही ज्यादातर हेली कंपनियां
रुद्रप्रयाग : केदार घाटी में मौसम की अनिश्चितता और हेली कंपनियों की मनमानी जिदंगी पर भारी पड रही है। रविवार 15 जून की अलसुबह भी यही हुआ। जिस कंपनी आर्यन एविएशन का यह हेलीकाप्टर हादसे का शिकार हुआ उसे हेली संचालन के लिए सुबह छह से सात बजे तक के लिए प्रथम स्लाट आवंटित हुआ था, लेकिन इसके विपरीत कंपनी ने आवंटित समय से पहले ही हेलीकाप्टर का संचालन शुरू कर दिया। कंपनी के दो अफसरों पर दर्ज एफआइआर में इसका उल्लेख किया गया है। दरअसल केदार घाटी में पारिस्थितिकीय तंत्र और हिमालयी क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए राज्य सरकार ने हेलीकाप्टर संचालन के लिए एसओपी बनाई हुई है। हेली कंपनियां को इसी के अनुरुप उडानों का संचालन करना होता है, लेकिन कंपनियां एसओपी का पालन करने की बजाय मनमानी पर उतर इसका जमकर उल्लंघन कर रही हैं। रविवार को भी यही हुआ। सुबह करीब 5.20 बजे केदारनाथ के दर्शन के बाद श्रद्वाधलुओं ने हेलीकाप्टर से वापसी की तो उस वक्त एकाएक घना कोहरा छा गया। आलम यह था कि कुछ भी ठीक से दिखायी नहीं दे रहा था। बताया जा रहा है कि ऐसे में यह दुर्भाग्यशाली हेलीकाप्टर किसी पहाड में पेड से टकरा गया और इसमें आग लग गई। जिसमें पायलेट समेत सात लोगों की जान चली गई। अब पुलिस ने आर्यन एवियशन कंपनी के दो अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज किया है।
नियमानुसार एसओपी के अनुपालन को प्रत्येक हेली संचालन करने वाली कंपनी को एक अधिकारी इसके लिए तैनात करना होता है, लेकिन इसेे लेकर भी गंभीरता नहींं दिखायी जा रही। हालांकि हादसे के बाद सरकार ने प्रकरण की जांच के आदेश तो दिए ही, एसओपी को और ज्यादा सख्त बनाने के निर्देश भी दिए हैं। इसके अलावा उडानों में समन्वय के लिए कमांड एंड कोआर्डिनेशन केद्र भी बनाया जा रहा है। उम्मीद है कि इससे हेली हादसों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।