फोर्डो, नतांज और एस्फाहान बनाया गया निशाना, अमेरिका ने बी-2 बमवर्षक विमान किए थे रवाना
ईरान ने हमलों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून और एनपीटी का गंभीर उल्लंघन करार दिया
नई दिल्ली : लंबे समय से असमंजस कीद स्थिति में फंसे अमेरिका ने आखिरकार देर रात ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला कर दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हमलों को बेहद सफल बताया। हालांकि इससे कितना नुकसान हुआ है, इसका पता नहीं चला है। ईरान ने हमलों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून और एनपीटी का गंभीर उल्लंघन करार दिया। इस बीच इससे पहले अमेरिका प्रशांत द्वीप गुआम में बी-2 बमवर्षक विमान भेजने बात भी कही गई ।
रविवार की सुबह हमलों की जानकारी देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पोस्ट किया कि “हमने ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर हमला पूरा कर लिया है, जिसमें फोर्डो, नतांज और एस्फाहान शामिल हैं। सभी विमान अब ईरान के हवाई क्षेत्र से बाहर हैं। प्राथमिक स्थल, फोर्डो पर बमों का पूरा पेलोड गिराया गया। सभी विमान सुरक्षित रूप से अपने रास्ते पर हैं। हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को बधाई। दुनिया में कोई दूसरी सेना नहीं है जो ऐसा कर सकती थी। अब शांति का समय है। इस मामले पर आपका ध्यान देने के लिए धन्यवाद।”
दूसरी ओर ईरान के विदेश मंत्री सईद अब्बास अरागची ने ‘X’ पर लिखी पोस्ट में कहा कि “संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य अमेरिका ने ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करके संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून और एनपीटी का गंभीर उल्लंघन किया है। आज सुबह की घटनाएं अपमानजनक हैं और इनके दीर्घकालिक परिणाम होंगे। संयुक्त राष्ट्र के प्रत्येक सदस्य को इस अत्यंत खतरनाक, अराजक और आपराधिक व्यवहार से चिंतित होना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र चार्टर और इसके प्रावधानों के अनुसार आत्मरक्षा में वैध प्रतिक्रिया की अनुमति देते हुए, ईरान अपनी संप्रभुता, हित और लोगों की रक्षा के लिए सभी विकल्प सुरक्षित रखता है।” हमलों के बाद भारत में ईरान के दूतावास ने ‘एक्स’ पर किए पोस्ट में कहा कि “हाल के दिनों में दुश्मन द्वारा किए गए क्रूर हमलों के बाद, आज सुबह, फोर्डो, नतांज़ और इस्फ़हान में देश के परमाणु स्थलों पर बर्बर आक्रमण किया गया, जो अंतर्राष्ट्रीय कानूनों, विशेष रूप से एनपीटी का उल्लंघन है। यह कार्रवाई, जो अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करती है, दुर्भाग्य से अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की उदासीनता – और यहाँ तक कि मिलीभगत – के तहत हुई। .”
वाशिंगटन से मिली खबरों के अनुसार अमेरिका प्रशांत द्वीप गुआम में बी-2 बमवर्षक विमान भेजे । हालांकि कहा जा रहा था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इस बात पर विचार कर रहे हैं कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ इजरायल के हमलों में भाग लेना चाहिए या नहीं। यह स्पष्ट नहीं है कि बमवर्षक विमानों की तैनाती मध्य पूर्व तनाव से जुड़ी है या नहीं। बी-2 को अमेरिका के 30,000 पाउंड के जीबीयू-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर को ले जाने के लिए सुसज्जित किया जा सकता है, जिसे गहरे भूमिगत लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह वह हथियार है जिसके बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि इसका इस्तेमाल ईरान के परमाणु कार्यक्रम, जिसमें फोर्डो भी शामिल है, पर हमला करने के लिए किया जा सकता है।
गौरतलब है के पिछले महीने तक डिएगो गार्सिया में अमेरिका के बी-2 बमवर्षक तैनात थे, बाद में उन्हें बी-52 बमवर्षकों से बदल दिया गया। इज़राइल ने शनिवार को कहा कि उसने एक सप्ताह से अधिक समय तक चले हवाई युद्ध में दोनों पक्षों के हमलों के दौरान एक अनुभवी ईरानी कमांडर को मार गिराया है, जबकि तेहरान ने कहा कि वह खतरे के दौरान अपने परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत नहीं करेगा। इज़राइल का कहना है कि ईरान परमाणु हथियार विकसित करने की कगार पर था, जबकि ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है।