आज है नेशनल ब्राडकास्टिंग डे, आज ही के दिन हुई थी इंडियन ब्राडकास्टिंग कंपनी की स्थापना
देहरादून : “ये आकाशवाणी है “। बीसवीं सदी में जन्म लेने वाले अधिकतर लोगों के कान में आज भी यदा कदा ये वाक्य गूंजता होगा। रेडियो यानी पिछली सदी में सूचना और मनोरंजन का सबसे सशक्त माध्यम। शायद आपको पता होेगा कि आकाशवाणी वर्ष 1956 में अस्तित्व में आया, इससे पहले यह आल इंडिया रेडियो था। लेकिन देश में रेडियो की यात्रा इससे करीब साढे तीन दशक पहले वर्ष 1923 में ही शुरू हो गई थी। यह अलग बात है कि इसे संस्थागत रूप लेने में चार साल लग गए और वर्ष 1927 में बाम्बे (मुंबई) में इंडियन ब्राडकास्टिंग कंपनी की स्थापना की गई। इसी साल 23 जुलाई को कंपनी ने पहला प्रसारण किया। इसी दिन को अब नेशनल ब्राडकास्टिंग डे के रूप में मनाया जाता है।
आइए इसी बहाने आज याद करते हैं भारत में रेडियो की यात्रा को। इंडियन ब्राडकास्टिंग कंपनी एक निजी कंपनी थी। इसने पहला रेडियो स्टेशन बाम्बे और उसी साल दूसरा स्टेशन कलकत्ता (कोलकाता) में स्थापित किया। तब रेडियो शहरी उच्च वर्ग की पहुंच में ही था। गीत संगीत के साथ समाचारों का प्रसारण भी किया जाता था। तीन साल तक कंपनी केंद्रों का संचालन करती रही, बाद में आर्थिक संकट से जुझते हुए खुद को दिवालिया घोषित कर दिया। वर्ष 1930 में तत्कालीन ब्रिटिश सरकार नेे इंडियन स्टेट ब्रॉडकास्टिंग सर्विस की स्थापना की और 1936 में इसे ऑल इंडिया रेडियो (AIR) कर दिया गया। स्वतंत्रता के बाद, AIR ने तेजी से विस्तार किया और 1956 में इसे “आकाशवाणी” नाम दिया गया। आज AIR के पास 591 केंद्र हैं, जो देश की 98% जनसंख्या को कवर करते हैं और 23 भाषाओं एवं 146 बोलियों में प्रसारण करते हैं। सरकार की कम्युनिटी रेडियो जैसी पहल पर जोर प्रसारण के महत्व को दर्शाता है, विशेषकर दूरदराज़ क्षेत्रों तक पहुंचने में। तेजी से बदलती तकनीक के दौर में भी रेडियो दो-दो हाथ कर खुद को प्रासंगिक बनाए हुए है।