नई दिल्ली : तकनीक के बदलते दौर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) हर क्षेत्र में गहरी पैठ बना चुका है। बात चाहे रोजमर्रा की जिंदगी की हो या प्रोफेशनल लाइफ की। ऐसे में कृषि क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। कृषि क्षेत्र में एआई के जरिये किसानों के जीवन में आमूलचूल बदलाव आ सकता है। खेती में ड्रोन का उपयोग आम होता जा रहा है। महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन दीदी योजना से जोडकर प्रोत्साहित किया जा रहा है। जाहिर है कि केंद्र सरकार भी इसे बढावा देने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रही है।
मसलन किसानों के लिए ‘किसान ई-मित्र’ को ही देखिए। यह एआई पर आधारित एक चैटबॉट है। इसे किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम से संबंधित प्रश्नों के उत्तर देने में सहायता के लिए विकसित किया गया है। इससे आप चाहे लिख कर प्रश्न पूछें अथवा बोलकर। यह 11 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है । वर्तमान में, यह प्रतिदिन 20,000 से अधिक किसानों के प्रश्नों का समाधान करता है और अब तक 95 लाख से अधिक प्रश्नों के उत्तर दिए जा चुके हैं।
जलवायु परिवर्तन के कारण फसलों को होने वाले के नुकसान से निपटने के लिए राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली, फसलों में कीटों के संक्रमण का पता लगाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और मशीन लर्निंग का उपयोग करती है। इस उपकरण का उपयोग वर्तमान में 10,000 से अधिक कार्यकर्ता करते है। इससे कीटों के चित्र लेकर उनसे बचने के उपाय बताए जाते हैं, जिससे फसलों के नुकसान को कम करने में मदद मिलती है। वर्तमान में, यह 61 फसलों और 400 से अधिक कीटों के लिए कार्य करता है। उपग्रह आधारित फसल मानचित्रण के लिए खेतों की तस्वीरों का उपयोग करते हुए एआई-आधारित विश्लेषण का उपयोग, बोई गई फसलों की फसल-मौसम मिलान निगरानी में किया जा रहा है।
सरकार ने तीन वर्ष (2023-24 से 2025-26) की अवधि के लिए 1261 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ ‘नमो ड्रोन दीदी’ को केंद्रीय क्षेत्र की स्कीम के रूप में मंजूरी दी है, जिसका प्रमुख उद्देश्य दक्षता बेहतर करने, फसल उपज को बढ़ाने और संचालन लागत कम करने के लिए कृषि में उन्नत तकनीक को बढ़ावा देना और महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ड्रोन सेवा प्रदाताओं के रूप में सशक्त बनाना है ताकि उनकी आय बढ़े और उन्हें आजीविका सहायता प्रदान की जा सके। नमो ड्रोन दीदी स्कीम के तहत, महिला एसएचजी को 15,000 ड्रोन प्रदान करने का लक्ष्य है। प्रमुख उर्वरक कंपनियों द्वारा अपने आंतरिक संसाधनों का उपयोग करके वर्ष 2023-24 में 1094 ड्रोन एसएचजी को वितरित किए गए हैं। विभाग द्वारा 14,500 ड्रोन के वितरण का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए सरकार ड्रोन पैकेज पर 80% सब्सिडी (प्रति एसएचजी अधिकतम 8.0 लाख) प्रदान करेगी और शेष 20 प्रतिशत एसएचजी द्वारा वहन किया जाएगा। वे 3% ब्याज अनुदान के साथ एग्री इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (एआईएफ) के तहत ऋण भी ले सकते हैं।