दून पुलिस की पूछताछ में हुए कई चौंकाने वाले खुलासे
देहरादून : धर्मांतरण कराने वालों गिरोहों के लिए सोशल मीडिया एक सशक्त टूल साबित हो रहा है। फेसबुक के जरिये संपर्क साधा जा रहा है तो वाटसएप पर कलमा पढवाया जा रहा है और जूम एप के माध्यम से दीनी तालीम दी जा रही है। देहरादून पुलिस की छानबीन कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं। बात चाहे मरियम (परिवर्तित नाम) या फिर सुमैया (परिवर्तित नाम) की, दोनों सोशल मीडिया के माध्यम से ही धर्मातरण करानेे वाले गिरोह के चंगुल में फंसी। पुलिस मामले गहराई से जांच पडताल कर रही है।
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पीडिता मरियम जब नाबालिग थी तो फेस बुक के जरिये उसकी दोस्ती किदवई नगर खालापार मुजफ्फरनगर के रहने वाले अबु तालिब से हुई। तालिब ने उसे इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया और बताया कि इस्लाम से उसकी जिन्दगी बहुत अच्छी हो जायेगी । अबू तालिब ने वाटसएप पर मरियम को कलमा भेजकर उसे पढवाकर बताया कि अब तुम मुस्लिम बन चुकी हो और उसे मरियम नाम दिया । अबू तालिब ने उसे अपने धनबाद झारखण्ड के दोस्त अयान से सोशल मीडिया के जरिये मिलवाया और अयान के साथ निकाह कराने का षडयंत्र रचा ।
उसने अपने परिचित हिन्दू धर्म से धर्मान्तरण कर मुस्लिम बने आयशा उर्फ कृष्णा (गोवा) ,अब्दुर रहमान उर्फ रूपेन्द्र प्रताप सिंह (सहसपुर) अब्दुल रहमान उर्फ महेन्द्र पाल सिंह (दिल्ली) से सम्पर्क करवाया। आयशा के माध्यम से पीडिता के धर्मान्तरण के लिए आर्थिक सहायता प्राप्त की । आयशा ने अबु तालिब को पैसे देकर उसके माध्यम से पीडिता को आनलाईन कपडे भिजवाये। साथ ही मरियम को घर से भागने के लिए एक फोन व सिम उपलब्ध करवाया । उसे ताकीद की गई कि केवल वाटसएप पर ही बात करनी है । पीडिता को रानीपोखरी से बाहर निकालने के लिए अब्दुर रहमान भी उससे लगातार सम्पर्क करता रहा। तालिब व आयशा के सम्पर्क में रहकर रानीपोखरी तक कैब भी भेजी गई, लेकिन मरियम ने अंतिम समय में घबराकर बाहर निकलने से इन्कार कर दिया गया । आरोपियों की योजना थी कि मरियम को सकुशल रूप से निकालकर दिल्ली में अब्दुल रहमान के घर सेफ हाउस में रखा जाना था बाद में मौका देखकर उसका धर्मान्तरण कराकर अयान से निकाह कराया जाना था ।
———————————–
फाइन आर्ट की जहीन छात्रा सुमैया का भी किया ब्रेन वाश
इसी तरह अब्दुल रहमान ने एक अन्य पीडिता उर्फ सुमैया को भी प्रेरित किया। 28 वर्षीय सुमैया मूल रूप से बरेली की रहने वाली है। उसकी शिक्षा केन्द्रीय विद्वालय से हुई है। गणित में बीएससी सुमैया पढाई में कुशाग्र है । उसे कालेज के दौरान एनसीसी में सी सर्टिफिकेट भी मिला है और वह अच्छी पेंटर भी है। उसने फाईन आर्टस में मास्टर डिग्री प्राप्त की है । सुमैया की बरेली की रहने वाली एक मुस्लिम युवती से दोस्ती हुई जिसने इसका विश्वास जीतकर धीरे-धीरे इस्लाम धर्म की ओर प्रेरित किया। इस्लाम से संबंधित साहित्य उपलब्ध करवा उसका सम्पर्क कश्मीर की एक युवती से कराया। युवती ने सुमैया को जूम के माध्यम से कुरान की तालीम दी। युवती ने उसे कश्मीर भी बुलाया। इसी दौरान सुमैया सोशल मीडिया के जरिये कश्मीरी युवकों के सम्पर्क में आई। इन सभी लोगों ने मिलकर इसे धर्मान्तरण के लिए प्रेरित किया । देहरादून पढाई के दौरान पीडिता के द्वारा अपनी बनाई पेंटिंग के प्रचार व बिक्री के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया गया, क्योंकि वह इस दौरान देहरादून में वाल पेटिंग के काम भी कर रही थी।
पूछताछ मे सुमैया ने बताया कि उसने एक पाकिस्तानी एप्लीकेशन लूडो स्टार डाउनलोड किया और वह पाकिस्तानियों के साथ लूडो खेलने लगी। बताया कि जब उन लोगों से मेरी चेट होने लगी और उन्हें लगने लगा कि मुझे इस्लाम में रूचि है तो मेरा स्वागत ग्रुप में बहुत गर्मजोशी और एक सेलीब्रेटी के रूप में करते थे। जिससे मुझे और अच्छा लगता था और इस्लाम धर्म के लिए के लिए मेरा झुकाव और ज्यादा बढ गया था । इसी दौरान पीडिता की बरेली की दोस्त ने वर्ष 2022 में इसे आनलाईन जूम पर कलमा पढाकर कहा कि अब तुम्हारा धर्मान्तरण हो चुका है और तुम्हें अब मुस्लिम रीति रिवाज से ही आगे की जिन्दगी गुजारनी है। लूडो खेलने के दौरान पीडिता की पहचान पाकिस्तान के रहने वाले मौलवी तनवीर अहमद से हुई, जिसने पीडिता को निशुल्क कुरान पढाने का प्रस्ताव दिया । उक्त मौलवी कई लोगों को आन लाइन क्लास देता था। इसमें कई लोग भारत से भी थे। लूडो खेलने के दौरान ही पीडिता की दोस्ती तहसीन नाम के पाकिस्तानी से हुई जो दुबई में नौकरी करता था । तहसीन का एक दोस्त सुलेमान जो देहरादून का है, वह भी दुबई में ही नौकरी करता है । तहसीन के माध्यम से ही पीडिता की पहचान सुलेमान से हो गई।