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Reading: Kalp Kedar Temple Dharali : आज तक नहीं सुलझ पाया कल्प केदार मंदिर का रहस्‍य
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Himalaya Ki Awaj > Blog > उत्तराखंड > Kalp Kedar Temple Dharali : आज तक नहीं सुलझ पाया कल्प केदार मंदिर का रहस्‍य
उत्तराखंड

Kalp Kedar Temple Dharali : आज तक नहीं सुलझ पाया कल्प केदार मंदिर का रहस्‍य

Web Editor
Last updated: 2025/08/03 at 9:33 AM
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4 Min Read
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Kalp Kedar Temple Dharali :  Kalp Kedar Temple: A Hidden Gem in Dharali with a Historical Mystery

हर्षिल से करीब तीन किमी दूर है धराली स्थित कल्‍प केदार मंदिर

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Kalp Kedar Temple Dharali :  देहरादून, 3 अगस्त 2025 : हिमालय की गोद में बसी हर्षिल घाटी पर प्रकृति ने खूब स्‍नेह लुटाया है। इसी घाटी में हर्षिल और गंगोत्री के बीच भागीरथी के तट पर समुद्रतल से 2680 मीटर की ऊंचाई पर है खूबसूरत गांव धराली। यहां से गंगोत्री महज 20 किमी दूर है। गांव के पास ही मुख्‍य सडक से 60 मीटर दूर नजर आता है एक भव्‍य मंदिर। बिल्‍कुल वैसा ही जैसा केदारनाथ। यह है कल्‍प केदार मंदिर। अपने मे रहस्‍यमय समेटे यह मंदिर वर्षों से इतिहास प्रेमियों और श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहा है। बताया जाता है आदि शंकराचार्य ने ही यहां 240 मंदिरों के समूह की स्‍थापना करवाई थी, लेकिन नदी में आई बाढ के कारण वे सब मलबे में दब गए। हालांकि अभी यह रहस्‍य अनसुलझा ही है।

वक्‍त की पगडंडियों पर पीछे लौटें तो कुछ आश्‍चर्यजनक तथ्‍य सामने आते हैं। वर्ष 1815 में एक स्‍काटिश यात्री और ईस्‍ट इंडिया कंपनी के अफसर जेम्स बाइली फ्रेजर ने गंगा और यमुना के उदगम स्‍थलों की यात्रा की थी। वह पहला यूरोपियन था जो हिमालय के इतना नजदीक पहुंचा। उसने अपनेे यात्रा वृतांत ‘जर्नल ऑफ ए टूर थ्रू पार्ट ऑफ द स्नोइंग रेंज ऑफ द हिमाला माउंटेंस’ में धराली से मिलती जुलती जगह का उल्‍लेख किया है। हालांकि पुस्‍तक में धराली नाम का जिक्र नहीं है, लेकिन मंदिरों काेे वह हैरत से देखता रहा। इतना ही नहीं, आज से लगभग डेढ सौ साल पहले खींची गई एक तस्वीर भी इस बात का सबूत है कि यहां एक से अधिक मंदिर थे। यह तस्वीर ब्रिटिश फोटोग्राफर सैमुअल ब्राउन (संभवतः सैमुअल बोर्न) ने ली थी। इस दुर्लभ तस्वीर में कल्प केदार के मौजूदा मंदिर के साथ दो अन्य मंदिर भी दिखाई देते हैं। दरसअल, सैमुअल ब्राउन ने 1863 से 1870 के बीच भारत में फोटोग्राफी की थी। अमेरिका के लॉस एंजिल्स स्थित गेटी म्यूजियम में ‘स्मॉल टेंपल्स ऑन द गैंगेस एट डेराली’ शीर्षक से एक फोटो मौजूद है, जो 1865 की है। इसमें डेराली को धराली ही माना जाता है। खास बात यह है कि तस्‍वीर में उस समय भागीरथी नदी आज के बहाव से विपरीत दिशा में बहती दिखायी दे रही है, जहां अब गंगोत्री हाईवे है। यह तस्वीर आज भी पुरातत्व विभाग और स्थानीय घरों में संरक्षित है, जो इस मंदिर के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाती है।

कल्प केदार मंदिर, केदारनाथ मंदिर की ही शैली में बना है। मंदिर जलमग्न शिवलिंग के रुप में प्रसिद्ध है। यह सड़क से 60 मीटर की दूरी पर लगभग 12 फीट की गहराई में है। प्रवेश द्वार से गर्भगृह की गहराई लगभग 20 फीट है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव की सफेद स्फटिक की प्रतिमा है। परिसर में शिवलिंग, नंदी और घड़े की आकृतियां भी हैं। दीवारों पर देवी-देवताओं की बेहतरीन नक्काशी इसे और भी भव्य बनाती है। पुरातत्वविदों का मानना है कि यह मंदिर 17वीं शताब्दी का है। बताया जाता है कि वर्ष 1945 में ग्रामीणों को मंदिर का शिखर दिखायी दिया। तब खुदायी कर मंदिर के प्रवेश द्वार तक पहुंचने का रास्ता तैयार किया गया। पिछले माह भी कल्प केदार मंदिर समिति ने परिसर मे खुदायी शुरू कराई तो कुछ तराशी हुई शिलाएं मिलीं।

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TAGGED: a mysterious site with architectural similarities to Kedarnath. Learn about its possible connection to British explorers like James Fraser and Samuel Bourne, and the historical photos that reveal its past., Discover the ancient Kalp Kedar Temple in Dharali, Uttarakhand
Web Editor August 3, 2025
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