Dehradun Gets First Women-Operated Automated Parking with Free EV Shuttle Service
Dehradun women-operated parking : निःशुल्क लक्सरी ईवी शटल सेवा, सुरक्षा, आधुनिक सुविधा से लैस होगी अपनी ओटोमेटेड पार्किंग
प्रत्येक 05 मिनट में परेड ग्राउंड ऑटोमेटिक पार्किंग से सुभाष रोड़, घंटाघर, एस्लेहॉल, राजपुर, सचिवालय रोड तक होगी मुफ्त ईवी शटल
Dehradun women-operated parking : देहरादून, 7 अगस्त 2025 : देहरादून स्थित परेड ग्राउंड और तिब्बती मार्केट में आटोमेटेड पार्किंग तैयार हो चुकी है। पार्किंग का संचालनमहिला स्वयं सहायता समूह करेगा। जिलाधिकारी सविन बंसल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में इस परियोजना को अंतिम रूप दिया गया। यह पहल उद्देश्य यातायात प्रबंधन को बेहतर बनाना और महिला स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त करना है। इस प्रोजेक्ट की खास बात यह है कि आप अपना वाहन यहां पार्क कीजिए और निःशुल्क लक्ज़री ईवी शटल सेवा से अपने गंतव्य तक जाइए। यह ईवी शटल सेवा हर 5 मिनट में उपलब्ध होगी, जिससे लोगों को पार्किंग स्थल से उनके गंतव्य तक पहुंचने में आसानी होगी। इस पार्किंग का मुख्य लक्ष्य सुभाष रोड, घंटाघर, एस्लेहॉल और राजपुर रोड जैसे भीड़-भाड़ वाले इलाकों को वाहन मुक्त बनाना है।
प्रारंभिक चरण में, परेड ग्राउंड और तिब्बती मार्केट में स्थापित की जा रही ऑटोमेटेड पार्किंग का संचालन महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा किया जाएगा। यह राज्य में अपनी तरह का पहला प्रयोग है, जो न केवल यातायात की समस्या को हल करेगा, बल्कि महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा। भविष्य में, सचिवालय और विकास भवन में भी इसी तरह की ऑटोमेटेड पार्किंग शुरू करने की योजना है।
यातायात प्रबंधन और सुरक्षा:
बैठक में शहर की पार्किंग व्यवस्था, ट्रैफिक मैनेजमेंट, और सुरक्षा पर भी विस्तार से चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने आईएसबीटी पर साइनेज लगाने और आशारोड़ी ब्लैक स्पॉट के सुधार कार्य को तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने प्रमुख चौराहों पर गलत तरीके से वाहन पार्क करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए भी कहा।
इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, नगर मजिस्ट्रेट प्रत्युष सिंह, संभागीय परिवहन अधिकारी डॉ. अनीता चमोला सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। यह नई पहल देहरादून के यातायात को सुगम बनाने और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।