Uttarakhand Police Busts Cyber Fraud Racket, Arrests 3 for Hacking Dehradun School Platform
Uttarakhand police cyber crime : देहरादून, 09 अगस्त 2025 : उत्तराखंड पुलिस ने साइबर अपराधों के खिलाफ अपनी मुहिम ‘ऑपरेशन प्रहार’ को जारी रखते हुए एक बड़ी सफलता हासिल की है। देहरादून के एक प्रतिष्ठित स्कूल के छात्रों और अभिभावकों को निशाना बनाकर ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया गया है। पुलिस ने इस मामले में तीन साइबर अपराधियों को उत्तर प्रदेश के बरेली से गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों ने स्कूल के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को हैक करके लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने की कोशिश की थी। इसी साल शुरू किए गए ऑपरेशन प्रहार के तहत, देशभर में कई गिरफ्तारियां की गई हैं और चार धाम से संबंधित फर्जी वेबसाइटों को भी बंद कराया गया है। इसी कड़ी में देहरादून के दून इंटरनेशनल स्कूल (डीआईएस) के सिटी कैंपस में हुई एक साइबर बुलिंग और हैकिंग की घटना के बाद यह कार्रवाई की गई।
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह ने बताया कि जुलाई 2025 में डीआईएस सिटी कैंपस ने एक शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया था कि उनके ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ‘SchoolPad’ में सेंध लगाकर छात्रों का डेटा लीक किया गया है। इस प्लेटफॉर्म का उपयोग छात्र और अभिभावक स्कूल के अपडेट, समय सारिणी और फीस जमा करने के लिए करते हैं। साइबर अपराधियों ने न केवल डीआईएस
सिटी कैंपस, बल्कि रिवरसाइड और मोहाली शाखाओं के छात्रों के डेटा तक भी पहुंच बना ली थी।
इसके बाद उन्होंने एक फर्जी संदेश तैयार किया, जिसमें ‘एआई सक्षम रोबोटिक्स लैब’ के लिए Rs 4990/- की राशि जमा करने को कहा गया। यह संदेश इतना वास्तविक लग रहा था कि अभिभावक आसानी से भ्रमित हो रहे थे। इस गंभीर मामले की जांच के लिए एसटीएफ उत्तराखंड के दिशा-निर्देशन में एक विशेष टीम गठित की गई।
साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की टीम ने घटना में इस्तेमाल किए गए बैंक खातों, मोबाइल नंबरों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के डेटा का गहन विश्लेषण किया। जांच में पता चला कि साइबर अपराधियों ने योजनाबद्ध तरीके से विभिन्न बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर कराया था। पुलिस टीम ने तकनीकी और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर बरेली (उत्तर प्रदेश) के तीन आरोपियों की पहचान की। इनमें 19 वर्षीय मोहम्मद रिजवान, सुदामा दिवाकर और 18 वर्षीय मोहम्मद फ़राज़ शामिल थे।
पुलिस टीम ने बरेली जाकर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में सामने आया कि उन्होंने SchoolPad ऐप की हूबहू नकल करते हुए एक फर्जी इंटरफेस बनाया था। फिर तकनीकी तरीके से असली प्लेटफॉर्म को हैक करके छात्रों की निजी जानकारी हासिल की। उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए बैंक खातों में कुछ ही महीनों में करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ है। यह भी पता चला है कि इन आरोपियों के खिलाफ देश के कई राज्यों में साइबर अपराधों से संबंधित मामले पहले से दर्ज हैं।
पुलिस ने आरोपियों के पास से चार मोबाइल फोन, दो बैंक पासबुक और तीन सिम कार्ड भी बरामद किए हैं, जिनका इस्तेमाल धोखाधड़ी में किया गया था। यह गिरफ्तारी उत्तराखंड पुलिस की साइबर अपराधों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को दर्शाती है और भविष्य में भी ऐसी कार्रवाई जारी रखने का संदेश देती है।
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सतर्क रहें
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तराखण्ड नवनीत सिंह ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों/फर्जी साईट/धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अन्जान अवसरो के प्रलोभन में न आयें । साथ ही, सभी से अपील है कि वे फर्जी निवेश ऑफर जैसे YouTube like सब्सक्राइब, टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर में निवेश न करें, किसी भी अन्जान व्यक्ति से सोशल मीडिया पर दोस्ती न करें, अन्जान कॉल आने पर लालच में न आये, कॉलर की सत्यता की जांच करे बिना किसी भी प्रकार की सूचना / दस्तावेज न दें । ऑनलाईन जॉब हेतु एप्लाई कराने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर को सर्च न करें ।तेजी से बढ़ रहे इन्वेस्टमेंट स्कैम्स ने लाखों लोगों को अपना शिकार बनाया है। स्कैमर्स वेबसाइट्स और नकली रिव्यू प्रोग्राम्स के माध्यम से लोगों को पहले छोटे-छोटे इनाम देकर भरोसा जीतते हैं तथा फिर धीरे-धीरे उन्हें भारी रकम निवेश करने पर मजबूर कर देते हैं। कम समय में अधिक लाभ के चक्कर में इन्वेस्ट ना करें व शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें ।