Shri Guru Ram Rai University Diksharambh : SGRR University Diksharambh Concludes: New Students Inspired by Cultural Festivities & Success Mantras
सफलता मंत्रों से प्रेरित होकर नवप्रवेशियों के चेहरों पर आत्मविश्वास और उम्मीद की बिखरी चमक
कार्यक्रम के अंतिम दिन नवप्रवेशी छात्रों ने लिया संकल्प सपनों को साकार कर दिखाएँगे
Shri Guru Ram Rai University Diksharambh : देहरादून, 19 अगस्त 2025 : श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय दीक्षारंभ कार्यक्रम का मंगलवार को भव्य समापन हुआ। यह कार्यक्रम नवप्रवेशी छात्र-छात्राओं के लिए सपनों और आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति का मंच बना, वहीं वरिष्ठ छात्रों की मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने समारोह में चार चाँद लगा दिए। विश्वविद्यालय के वरिष्ठजनों द्वारा दिए गए सफलता मंत्रों से प्रेरित होकर, नवप्रवेशियों के चेहरों पर आत्मविश्वास और उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद की नई चमक साफ दिखाई दी। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के माननीय प्रेसीडेंट श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने सभी नव प्रवेशी छात्र-छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं।
श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज के सभागार में दीक्षारंभ कार्यक्रम के दूसरे दिन का शुभारंभ विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) कुमुद सकलानी, रजिस्ट्रार डॉ. लोकेश गंभीर तथा छात्र कल्याण अधिष्ठाता, प्रोफेसर (डॉ.) मालविका कांडपाल द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) कुमुद सकलानी ने अपने संबोधन में कहा कि श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय की स्थापना का मुख्य उद्देश्य केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान देना भी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विश्वविद्यालय हमेशा नई तकनीकों और आधुनिक शोध पद्धतियों को अपनाते हुए छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने में अग्रणी रहा है। उन्होंने बताया कि आईसीएआर मान्यता विश्वविद्यालय की शैक्षिक उत्कृष्टता का एक स्पष्ट प्रमाण है। उन्होंने नवप्रवेशी छात्रों से आह्वान किया कि वे उच्च आदर्शों, मानवीय मूल्यों और नवीन सोच के साथ अपने सपनों को साकार करें और समाज तथा देश के विकास में अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें।
कुलसचिव डॉ. लोकेश गंभीर ने नवप्रवेशी छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि मेहनत ही हर उपलब्धि की सच्ची नींव है, और वही व्यक्ति सफलता का हकदार बनता है जो चुनौतियों का डटकर सामना करता है। उन्होंने छात्रों से हर अवसर को पहचानने, जागरूक बने रहने और अपनी जिज्ञासा को जीवित रखने का आह्वान किया, क्योंकि जिज्ञासा ही सृजन और नवाचार का मूल है।
इसी क्रम में विश्वविद्यालय के समन्वयक डॉ. आर.पी. सिंह ने छात्रों को जीवन में बड़ा उद्देश्य निर्धारित करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि अनुशासन, समय प्रबंधन और एकाग्रता ही वह आधारशिला हैं, जिन पर भविष्य की ऊँचाइयाँ निर्मित होती हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को अपने लक्ष्य पर फोकस बनाए रखते हुए उसे प्राप्त करने के लिए सतत प्रयासरत रहने की सलाह दी।
श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के मनोरोग विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ.) शोभित गर्ग ने नवप्रवेशी छात्रों को संबोधित करते हुए पढ़ाई के दौरान तनाव को प्रबंधित करने के महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने समझाया कि समय प्रबंधन और संतुलित दिनचर्या तनावमुक्त जीवन की कुंजी हैं। डॉ. गर्ग ने उदाहरण देते हुए कहा कि मोबाइल और सोशल मीडिया का अति प्रयोग भी चिंता और अनिद्रा का बड़ा कारण है, इसलिए अध्ययन और विश्राम के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है। उन्होंने छात्रों से खेल-कूद, योग, ध्यान और अपनी रुचि के कार्यों को दिनचर्या में शामिल करने की सलाह दी ताकि वे मानसिक रूप से स्वस्थ और एकाग्र रह सकें।
कार्यक्रम के अंत में समन्वयक एवं विश्वविद्यालय की डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रोफेसर (डॉ.) मालविका कांडपाल ने सभी अतिथियों, शिक्षकों, कर्मचारियों तथा छात्र-छात्राओं का हृदय से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि दीक्षारंभ कार्यक्रम तभी सफल हो पाया जब सभी समितियों के सदस्यों ने निष्ठा, परिश्रम और समर्पण भाव से अपना योगदान दिया। डॉ. कांडपाल ने विशेष रूप से उन सीनियर छात्रों की सराहना की, जिन्होंने अपनी प्रस्तुतियों और सहयोग से नवप्रवेशी छात्रों का उत्साह बढ़ाया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस सामूहिक प्रयास की ऊर्जा से विश्वविद्यालय परिवार आने वाले शैक्षिक सत्र को और अधिक ऊँचाइयों पर ले जाएगा।