Dehradun Gets Uttarakhand’s First Modern Divyang Rehabilitation Center
Dehradun Divyang Rehabilitation Center : देहरादून, 19 अगस्त 2025: दिव्यांगजनों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए देहरादून के गांधी शताब्दी चिकित्सालय में राज्य के पहले आधुनिक जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र (DDRC) का निर्माण किया जा रहा है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने आज केंद्र का स्थलीय निरीक्षण कर सुविधाओं का जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि केंद्र में दिव्यांगजनों के लिए सभी आवश्यक और आधुनिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि फिजियोथेरेपी के लिए एक अलग और बड़ा स्थान बनाया जाए, जिसके लिए केंद्र के पीछे वाले कक्ष को समायोजित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, जिलाधिकारी ने चिकित्सालय परिसर में केंद्र के लिए एक अलग प्रवेश द्वार बनाने और पार्किंग व आवागमन के लिए पीआरडी कर्मियों को तैनात करने के निर्देश दिए। समाज कल्याण अधिकारी को निर्देशित किया गया कि केंद्र में आने वाले दिव्यांगजनों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, यह सुनिश्चित किया जाए।
इस अत्याधुनिक केंद्र में दिव्यांगजनों को अब प्रमाण पत्र बनवाने से लेकर फिजियोथेरेपी, मनोवैज्ञानिक सलाह, कृत्रिम अंग प्राप्त करने और कौशल विकास प्रशिक्षण तक की सभी सुविधाएं एक ही स्थान पर मिलेंगी। पहले यह केंद्र हरबर्टपुर और राजा रोड पर अलग-अलग स्थानों पर संचालित हो रहा था, जिससे दिव्यांगजनों को काफी असुविधा होती थी। इस समस्या को देखते हुए सभी सेवाओं को एक छत के नीचे लाने का निर्णय लिया गया है।
केंद्र में मंगलवार और बुधवार को आधार मशीन सहित विशेषज्ञ कर्मचारी उपलब्ध रहेंगे, जिससे दिव्यांगजनों के आधार कार्ड बनाने और अपडेट करने का कार्य भी सुगमता से हो सकेगा। इसके लिए पंजीकरण कक्ष और वेटिंग रूम भी बनाया गया है। डीडीआरसी की बहु-विषयी (मल्टी-डिसिप्लिनरी) टीम में फिजियोथेरेपिस्ट, स्पीच थेरेपिस्ट, ऑक्युपेशनल थेरेपिस्ट और काउंसलर जैसे विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो दिव्यांगजनों के समग्र पुनर्वास को सुनिश्चित करेंगे।
यह केंद्र सहायक उपकरण जैसे व्हीलचेयर, ट्राईसाइकिल, श्रवण यंत्र आदि का वितरण करेगा और कौशल विकास प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाएगा। साथ ही, उन्हें स्वरोजगार योजनाओं और सरकारी योजनाओं जैसे यूडीआईडी कार्ड, पेंशन, छात्रवृत्ति आदि से भी जोड़ा जाएगा। केंद्र का संचालन समाज कल्याण विभाग की जिम्मेदारी होगी और यह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की समावेशी और सुलभ सेवा नीति को धरातल पर उतारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। केंद्र भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा संचालित किया जाएगा, जिसमें 14 स्वीकृत पदों का वेतन समाज कल्याण विभाग वहन करेगा।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज शर्मा, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनु जैन, प्रमोद कुमार और राजीव सब्बरवाल सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।