Gupta Brothers Face ED Raid in India Over South Africa Corruption Scandal
देहरादून, 28 अगस्त 2025 : दक्षिण अफ्रीका में करोड़ों के भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों से घिरे गुप्ता बंधुओं के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की बड़ी कार्रवाई आखिरकार 24 घंटे बाद पूरी हो गई है। मंगलवार सुबह से शुरू हुई यह छापेमारी देहरादून के कर्जन रोड स्थित उनके आलीशान घर समेत सहारनपुर, दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और देश के कई अन्य शहरों में एक साथ की गई। इस कार्रवाई में चीनी और दुबई में भी समानांतर जांच एजेंसियां सक्रिय रहीं, जिससे इस मामले की अंतरराष्ट्रीय प्रकृति उजागर हुई है।
यह कार्रवाई दक्षिण अफ्रीकी सरकार के अनुरोध पर म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस रिक्वेस्ट (एमएलएआर) के तहत की गई है। दरअसल, 2018 में भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति जैकब जुमा की सरकार गिर गई थी और गुप्ता बंधु भारत भाग आए थे। दक्षिण अफ्रीकी एजेंसियों ने भारत को इस मामले में ठोस सबूत मुहैया कराए, जिसके आधार पर ईडी ने यह कदम उठाया।
देहरादून में, ईडी के अधिकारियों को गुप्ता परिवार का केवल एक सदस्य मिला, जिससे देर रात तक लगातार पूछताछ की गई। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पूछताछ में कौन सा भाई शामिल था। सूत्रों के मुताबिक, एक भाई अस्पताल में भर्ती है, जबकि तीसरा शहर से बाहर होने के कारण अधिकारियों के संपर्क में नहीं आ पाया।
छापेमारी के दौरान, ईडी ने आवास और अन्य ठिकानों से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनमें वित्तीय लेन-देन और विदेशी कंपनियों से संबंधित कागजात शामिल हैं। हालांकि, अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, जिससे यह साफ नहीं है कि ईडी के हाथ क्या-क्या लगा।
सूत्रों के अनुसार, गुप्ता बंधुओं के खिलाफ जांच का दायरा केवल भारत और दक्षिण अफ्रीका तक सीमित नहीं है। चीन और दक्षिण अफ्रीका में खरीदे गए ट्रेन इंजनों में भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के सबूत मिले हैं। इन सौदों में वर्ल्ड विंडो ग्रुप के संचालक पीयूष गोयल का नाम भी सामने आया है। आरोप है कि गुप्ता बंधुओं ने गोयल के साथ मिलकर दुबई की एक शेल कंपनी ‘जेजे ट्रेडिंग एफजेडई’ के जरिए करोड़ों रुपये का मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट चलाया। अहमदाबाद से राम रतन जगाती को हिरासत में भी लिया गया है, जिनके तार इस कंपनी से जुड़े बताए जा रहे हैं। फिलहाल, ईडी मुख्यालय की ओर से कोई भी आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है। लेकिन इतना तय है कि दक्षिण अफ्रीका में भ्रष्टाचार के बाद भारत में शरण लिए बैठे गुप्ता बंधुओं की मुश्किलें अब और बढ़ने वाली हैं। यह कार्रवाई दर्शाती है कि विदेशी सरकारों के साथ सहयोग से भ्रष्टाचार के मामलों में जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकती है।