2025 Char Dham Yatra Disrupted by Rain and Landslides, Affecting Uttarakhand’s Economy
एसडीसी फाउंडेशन के विश्लेषण में सामने आए चिंताजनक तथ्य
देहरादून, 2 सितंबर 2025 : उत्तराखंड की जीवनरेखा मानी जाने वाली चारधाम यात्रा इस साल भारी बारिश और भूस्खलन के कारण बुरी तरह प्रभावित हुई है। तीस अप्रैल को शुरू हुई यात्रा के चार माह पूरे हो चुके हैं। इस दौरान यमुनोत्री में 23 और गंगोत्री में 27 दिन ऐसे रहे जब कोई भी यात्री नहीं पहुंचा। इसके अलावा केदारनाथ में अगस्त में आठ दिन ऐसे रहे जब यात्रियों की संख्या 500 से कम और इसी माह नौ दिन ऐसे थे जब 1000 से कम श्रद्धालु धाम पहुंचे। बदरीनाथ की स्थिति कमोबेश बेहतर रही।
एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल के अनुसार मौसम की सर्वाधिक मार यमुनोत्री और गंगोत्री धाम पर पडी है। यमुनोत्री में 23 और गंगोत्री में 27 दिन ऐसे रहे जब कोई भी यात्री नहीं पहुंचा। नौटियाल ने कहा कि इन व्यवधानों ने लाखों लोगों की आजीविका को सीधे तौर पर प्रभावित किया है, जो साल भर इस यात्रा पर निर्भर रहते हैं। नौटियाल ने इस स्थिति को ‘पहाड़ी अर्थतंत्र की रीढ़ टूटना’ बताया है।
नौटियाल ने कहा कि अब समय आ गया है कि राज्य सरकार रिकॉर्ड-तोड़ यात्रियों की संख्या पर ध्यान देने के बजाय यात्रा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करे। उन्होंने जलवायु-संवेदनशील सड़कों, बेहतर जल निकासी, रियल-टाइम मौसम मॉनिटरिंग और आपदा-सुरक्षित आश्रयों में निवेश की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस सीजन में प्रभावित हुए व्यवसायों, ट्रांसपोर्टरों और सेवा प्रदाताओं के लिए एक आर्थिक राहत पैकेज की मांग भी उठाई गई है, ताकिसामाजिक व मानसिक चुनौतियों का समाधान किया जा सके। नौटियाल ने कहा कि भविष्य की यात्राओं को जलवायु और आपदा-सुरक्षित बनाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए, न कि केवल यात्रियों की संख्या गिनना। आने वाले हफ्ते राज्य की तैयारियों की एक बड़ी परीक्षा होंगे, क्योंकि सितंबर में भी यात्रा के बाधित रहने की आशंका है।