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CM Dhami Directs Timely Preparations for Haridwar Kumbh Mela 2027
हरिद्वार, 04 सितंबर, 2025: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2027 में होने वाले भव्य कुंभ मेले की तैयारियों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी स्थायी प्रकृति के कार्यों को अक्टूबर 2026 तक पूरा कर लिया जाए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कुंभ का आयोजन ‘भव्य और दिव्य’ हो।
सचिवालय में आयोजित एक उच्च-स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ मेले का सफल आयोजन राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी तैयारियां एक विस्तृत मास्टर प्लान के अनुसार की जाएं, जिसमें सभी सेक्टर, मार्ग, पार्किंग स्थल और घाटों का स्पष्ट सीमांकन हो। इस योजना के तहत भीड़ के दबाव को कम करने के लिए नए घाटों का निर्माण, कांगड़ा घाट का विस्तार और मौजूदा घाटों की मरम्मत का काम समय पर पूरा करने पर जोर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मेला क्षेत्र को अतिक्रमण से पूरी तरह मुक्त कराया जाए।
यातायात और लॉजिस्टिक्स को सुव्यवस्थित करने के लिए, मुख्यमंत्री ने बहादराबाद-श्यामपुर बाईपास को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए ताकि कुंभ के दौरान यातायात में आसानी हो। उन्होंने श्यामपुर, गैंडीखाता और चंडीघाट जैसे क्षेत्रों में विशेष टेंट सिटी बनाने की योजना पर भी चर्चा की। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ट्रैफिक डायवर्जन प्लान, पार्किंग स्थल और शटल सेवाओं की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
मेले के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक घाट पर पर्याप्त लाइफगार्ड, सुरक्षा रस्सियां और मोटर बोट उपलब्ध होनी चाहिए। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि उत्तराखंड से तीर्थयात्री एक अच्छा अनुभव लेकर वापस जाएं। इसके लिए, मेला प्रबंधन में लगे सभी कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे यात्रियों के साथ विनम्रता से व्यवहार करें।
स्वच्छता को एक प्रमुख प्राथमिकता के रूप में देखते हुए, मुख्यमंत्री ने ‘जीरो वेस्ट कॉन्सेप्ट’ अपनाने का सुझाव दिया। इसके तहत, ठोस कचरा प्रबंधन, रीसाइक्लिंग सिस्टम और मोबाइल टॉयलेट की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी। महिला श्रद्धालुओं के लिए पिंक टॉयलेट और चेंजिंग रूम भी उपलब्ध होंगे।
अंत में, मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और मेला प्रबंधन में डिजिटल सेवाओं का उपयोग करने पर भी जोर दिया। उन्होंने मुख्य सचिव को हर 15 दिन में कुंभ की तैयारियों की समीक्षा करने का निर्देश दिया, ताकि सभी कार्य समय पर और प्रभावी ढंग से पूरे हो सकें।