Harish Rawat’s Political Jibe: “Mahendra Bhatt is Angry With Me”
देहरादून, 8 जुलाई 2025 : ब्राहम्णों को लेकर नई तान छेडने वाले उत्तराखंड में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के भाजपा पर सियासी हमले जारी हैं। सोमवार को उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भटट पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘ सत्यम ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात्, न ब्रूयात् सत्यम् अप्रियम्,..। ‘ उन्होंने कहा कि ‘मैंने छोटी सी टिप्पणी क्या की कि महेंद्र भट्ट मुझसे बहुत नाराज चल रहे हैं’। कहा कि कांग्रेस और ब्राह्मणों की राजनीतिक स्थिति को लेकर जो कुछ मैंने कहा वह एक ऐतिहासिक घटनाक्रम का पृष्ठ है
दरअसल, पिछले दिनों यह दिग्गज नेता कांग्रेस को स्वभाव से ब्राहमण बता चुका है और इसके लिए उन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर मदन मोहन मालवीय और पंडित कमलापति त्रिपाठी जैसे नामों का उदाहरण दे डाला। ऐसे में सियासत गरमानी ही थी। वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर देखें तो उत्तराखंड में राजपूत 35 और ब्राहमण 25 प्रतिशत हैं। इन हालात में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए हरदा का यह बयान सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ।
सोमवार को अपने एक्स हैडिल पर हरदा ने एक पोस्ट करते हुए कहा कि महेंद्र भट्ट, उम्र में मेरे छोटे भाई, मगर रूतबे में बड़े, सत्तारूढ़ दल के प्रदेश अध्यक्ष हैं, सांसद हैं। बागेश्वर में पत्रकारों के सवाल के जवाब में मैंने एक छोटी सी टिप्पणी की तो उसके बाद वह मुझ पर लठ्ठ पर लठ्ठ बरसाए जा रहे हैं। उन्होंने महेंद्र भटट को याद दिलाते हुए दावा किया कि ‘ मैंने 2002 में भी और 2012 में भी किसी की हक़तलफ़ी नहीं की। स्पष्ट बहुमत पक्ष में होने के बावजूद पांच साल पूरी निष्ठा के साथ, मुख्यमंत्री के साथ बहुमत खड़ा रखा। 2012 में भी केवल आह भरी। 2012 में तो केवल हरीश रावत ने आह भरी और 2013 में तो सारे उत्तराखंड सहित पूरे देश को लोगों ने आह भरने के लिए मजबूर कर दिया।
अपने ही अंदाज में हरदा ने कहा कि मैं किसी को हटाकर के नहीं आया। जो हटे वह अपने कर्मों से हटे और मैं पार्टी नेतृत्व के आदेश से आया और मैंने पूरी निष्ठा के साथ अपना कर्तव्य पूरा किया। उत्तराखंड में चौपट हो चुकी है अर्थव्यवस्था, संचार व्यवस्था, पर्यटन आदि सबको रिकॉर्ड समय के अंदर जनता-जनार्दन और भगवान केदारनाथ तथा भगवान बद्रीनाथ जी के आशीर्वाद से पटरी पर लाया। फिर भी भट्ट जी नाराज हैं, शायद इसी नाराजगी में उनकी यह नौकरी का रहस्य छिपा हुआ है!
