Uttarakhand to Host Statewide Health Fortnight from September 17 to October 2, 2025
प्रदेशभर में लगेंगे 4604 स्वास्थ्य शिविर, आमजन को मिलेगी नि:शुल्क जांच, परामर्श और दवाइयां
देहरादून, 8 सितंबर 2025 : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर उत्तराखंड में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक “स्वास्थ्य पखवाड़ा” का आयोजन किया जाएगा। इस महाअभियान की कमान स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने संभाल ली है। सोमवार को उन्होंने सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की और अभियान को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए।
4604 स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में कुल 4604 शिविर लगाए जाएंगे, जहां लोगों को नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इनमें—
- पिथौरागढ़ में 679,
- पौड़ी में 573,
- अल्मोड़ा में 522,
- टिहरी में 533,
- देहरादून में 425,
- हरिद्वार व नैनीताल में 367-367 शिविर आयोजित होंगे।
इन शिविरों में आमजन को जांच, परामर्श, मुफ्त दवाइयों के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं, टीबी मरीजों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित रोगियों को विशेष परामर्श भी दिया जाएगा।
स्वास्थ्य सचिव ने दिए विशेष निर्देश
बैठक में स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि सरकार का लक्ष्य अंतिम व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना है। स्वास्थ्य पखवाड़ा सिर्फ सेवा नहीं, बल्कि जनजागरूकता और सहभागिता का अभियान है।
उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि—
- अभियान की मॉनिटरिंग प्रभावी ढंग से की जाए,
- अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित हो,
- जनप्रतिनिधियों की भागीदारी अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए।
स्वास्थ्य पखवाड़े के मुख्य बिंदु
- रक्तदान शिविर – प्रत्येक शिविर में बड़े पैमाने पर रक्तदान कार्यक्रम होगा। फोटोग्राफी व रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
- मेडिकल कॉलेजों में आयोजन – मेडिकल छात्र, डॉक्टर और स्टाफ रक्तदान व स्वास्थ्य शिविरों में भाग लेंगे।
- हेल्थ डेस्क – प्रमुख अस्पतालों में हेल्थ डेस्क स्थापित होंगे, जहां सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।
- SOP जारी होगी – सभी जिलों को मानक संचालन प्रक्रिया के अंतर्गत स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाएंगे।
- विशेषज्ञ शिविर – हृदय, मधुमेह, स्त्री रोग, बाल रोग आदि के विशेषज्ञ CHC स्तर तक अपनी सेवाएं देंगे।
- अन्य विभागों से समन्वय – अभियान को प्रभावी बनाने के लिए अन्य विभागों की भी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
- फूड एंड ड्रग कंट्रोलर सहयोग – दवाइयों और आवश्यक सामग्रियों की गुणवत्ता व उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
- निजी स्वास्थ्य संस्थानों की भागीदारी – निजी मेडिकल व नर्सिंग कॉलेजों को भी अभियान में जोड़ा जाएगा।
- विशेषज्ञों की ड्यूटी – मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञ चिकित्सकों की ड्यूटी ग्रामीण शिविरों में लगाई जाएगी।
- “निक्षय मित्र” पहल – जनप्रतिनिधियों को ‘निक्षय मित्र’ बनाकर उन्हें टीबी मरीजों और अन्य रोगियों से जोड़ने की योजना बनाई गई है।
‘स्वस्थ उत्तराखंड’ की ओर एक निर्णायक कदम
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि यह पखवाड़ा केवल एक सरकारी अभियान नहीं, बल्कि एक जनभागीदारी का उत्सव है। यह प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने का सुनहरा अवसर है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के नेतृत्व में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं लगातार सशक्त हो रही हैं।