By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Himalaya Ki AwajHimalaya Ki Awaj
  • उत्तराखंड
  • करियर
  • राजनीती
  • पर्यटन
  • क्राइम
  • देश-विदेश
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्पोर्ट्स
  • स्वास्थ्य
  • वीडियो न्यूज़
Search
  • Advertise
© 2023 Himalaya Ki Awaj. All Rights Reserved. | Designed By: Tech Yard Labs
Reading: पद्म और बुरांश बनेंगे प्रकृति और पर्यटन का नया संगम
Share
Notification Show More
Latest News
एईबीएएस गुड गवर्नेंस की दिशा में महत्वपूर्ण कदम :जस्सुभाई
उत्तराखंड
जवाहर नवोदय विद्यालय सैन्दवार में पूर्व छात्र सम्मेलन आयोजित
उत्तराखंड
किसानों की कमाई का नया फार्मूला: मिट्टी में कार्बन बढ़ाओ, आय भी बढ़ाओ
उत्तराखंड
पौड़ी में गुलदार ने एक और बनाया निवाला, इलाके में दहशत
उत्तराखंड
उत्तराखंड में शराब महंगी, शौकिनों को बड़ा झटका
उत्तराखंड
Aa
Himalaya Ki AwajHimalaya Ki Awaj
Aa
  • पर्यटन
  • राजनीती
Search
  • उत्तराखंड
  • करियर
  • राजनीती
  • पर्यटन
Follow US
  • Advertise
© 2023 Himalaya Ki Awaj. All Rights Reserved. | Designed By: Tech Yard Labs
Himalaya Ki Awaj > Blog > उत्तराखंड > पद्म और बुरांश बनेंगे प्रकृति और पर्यटन का नया संगम
उत्तराखंड

पद्म और बुरांश बनेंगे प्रकृति और पर्यटन का नया संगम

Web Editor
Last updated: 2025/09/15 at 2:22 AM
Web Editor
Share
6 Min Read
SHARE

Uttarakhand’s ‘Buransh and Padm Flower Week’ Festival: Promoting Tourism and Livelihoods

Contents
पारिस्थितिकी की जान बुरांश और पद्मजागरूकता, मनोरंजन और ज्ञानवर्धनपर्यटन के साथ आजीविका को भी बढ़ावाजलवायु परिवर्तन पर नई पहलबेतहाशा दोहन से संकट में बुरांशजापान ओ दक्षिण कोरिया भी चेरी ब्लॉसम महोत्सव के दीवाने

देहरादून, 15 सितंबर 2025 : दक्षिण कोरिया और जापान में हर साल मार्च आखिर से अप्रैल शुरुआत तक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए चेरी ब्लॉसम फेस्टिवल उत्सव मनाया जाता है। उत्तराखंड भी फूलों की खूबसूरती से पर्यटकों को आकर्षित करने की तैयारी में है। राज्य वन विभाग ने हिमालयी पारिस्थितिकी और लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए ‘बुरांश फ्लावर वीक’ और ‘पद्म फ्लावर वीक’ आयोजित करने का फैसला किया है। बुरांश फ्लावर वीक का आयोजन अप्रैल प्रथम सप्ताह और पद्म फ्लावर वीक का अक्टूबर (शरद ऋतु)  के दूसरे सप्ताह में किया जाएगा। यह अनूठी पहल पर्यटन को एक नया आयाम देगी और आगंतुकों को यहां की प्राकृतिक सुंदरता को करीब से अनुभव करने का मौका मिलेगा।
देश-दुनिया से आने वाले पर्यटक अब उत्तराखंड की वादियों में बर्फ, झील, झरने व नदियों की खूबसूरती निहारने के साथ फूलों की महक भी करीब से महसूस कर सकते हैं। यहां राज्य वृक्ष बुरांश (रोडोडेंड्रोन अरबोरियम) और पद्म (पइंया) के फूलों से सजी उत्तराखंड की वादियां पर्यटकों को अलौकिकता का एहसास कराती हैं। बुरांश वसंत ऋतु में अपनी सुर्ख व गुलाबी पंखुड़ियों से पहाड़ों को रंग देता है, वहीं पद्म साल में दो बार अक्टूबर और मार्च-अप्रैल में फूलों की रंगत बिखेरता है। मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी बताते हैं कि इन दोनों फूलों की खूबसूरती और पारिस्थितिक महत्ता को देखते हुए ही वन विभाग की अनुसंधान शाखा ने इनके संरक्षण को यह विशिष्ट पहल की है। मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी बताते हैं कि बुरांश फ्लावर वीक का आयोजन अप्रैल प्रथम सप्ताह और पद्म फ्लावर वीक का आयोजन अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में किया जाएगा। इस दौरान होने वाले कार्यक्रमों की विस्तृत रूपरेखा तैयार की जाएगी।

पारिस्थितिकी की जान बुरांश और पद्म

बुरांश और पद्म सिर्फ आकर्षक पुष्प ही नहीं, हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण हैं। बुरांश के फूलों से तैयार शरबत औषधीय गुणों से भरपूर होता है। पद्म के फूल और पत्तियां धार्मिक अनुष्ठानों में काम आती हैं। दोनों ही पेड़ परिंदों, तितलियों और मधुमक्खियों के लिए प्राकृतिक आवास उपलब्ध कराते हैं।

जागरूकता, मनोरंजन और ज्ञानवर्धन

महोत्सव के दौरान लोगों को सतत दोहन, पौधारोपण और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर भी जागरूक किया जाएगा। महोत्सव में स्थानीय समुदाय, स्कूली छात्र, शोधकर्ता, पर्यावरणविद् और पर्यटक सबकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। विद्यालयों में प्रतियोगिताएं, लोकनृत्य व सांस्कृतिक कार्यक्रम, औषधीय ज्ञान पर कार्यशालाएं और फूलों से बने उत्पादों की प्रदर्शनी भी आयोजित होंगी।

पर्यटन के साथ आजीविका को भी बढ़ावा

यह महोत्सव न केवल राज्य की जैवविविधता को संरक्षित करेगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी नई जान फूंकेगा। बुरांश के शरबत, वाइन, जैम, अचार जैसे उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा। पद्म फूलों से जुड़ी हर्बल औषधियों का भी बाजार विकसित होगा।

जलवायु परिवर्तन पर नई पहल

बुरांश व पद्म फ्लॉवर वीक के दौरान वैज्ञानिकों की टीम बुरांश और पद्म के फूलने के पैटर्न पर अध्ययन करेंगी, ताकि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का आकलन किया जा सके। इससे न केवल बुरांश व पद्म के संरक्षण के प्रयासों को मजबूती मिलेगी, बल्कि भविष्य के ईको-टूरिज्म प्लानिंग में की राह भी आसान होगी।

बेतहाशा दोहन से संकट में बुरांश

उत्तराखंड में बुरांश पर जलवायु परिवर्तन के साथ ही बेतहाशा दोहन के कारण संकट मंडरा रहा है। ऐसे में यह न केवल समय से पहले खिल रहा है, बल्कि इसकी गुणवत्ता भी घट रही है। प्राकृतिक उत्पादों के कम होने से औषधीय और वाणिज्यिक उपयोग पर भी खतरा है।

जापान ओ दक्षिण कोरिया भी चेरी ब्लॉसम महोत्सव के दीवाने

दक्षिण कोरिया का सबसे बड़ा चेरी ब्लॉसम महोत्सव (Cherry Blossom Festival) दक्षिण-पूर्वी जिन्हाई शहर में आयोजित होता है, जहां 25 हजार से अधिक चेरी ब्लॉसम के पेड़ हैं। दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में हान नदी के किनारे आयोजित होने वाला येओइदो चेरी ब्लॉसम महोत्सव भी लोकप्रिय है। इसी तरह जापान और भारत मे मेघालय समेत दुनिया मे अन्य स्थानों पर भी चेरी के पेड़ों के खिलने के समय चेरी ब्लॉसम उत्सव मनाया जाता है। जापान में इसे ‘सकुरा’ कहते हैं, जो वसंत की शुरुआत का प्रतीक है। जबकि, भारत में मेघालय की राजधानी शिलांग में शरद ऋतु के दौरान चेरी ब्लॉसम उत्सव मनाने की परंपरा है। इस अवसर पर लाखों लोग चेरी ब्लॉसम के खिले फूलों को निहारने के साथ संगीत, नृत्य, कला और स्थानीय व्यंजनों का आनंद लेते हैं। वहीं, संयुक्त राज्य अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में यह वर्ष 1912 में टोक्यो से उपहार में मिले चेरी के पेड़ों की याद में मनाया जाने वाला वसंत उत्सव है।

 

You Might Also Like

एईबीएएस गुड गवर्नेंस की दिशा में महत्वपूर्ण कदम :जस्सुभाई

जवाहर नवोदय विद्यालय सैन्दवार में पूर्व छात्र सम्मेलन आयोजित

किसानों की कमाई का नया फार्मूला: मिट्टी में कार्बन बढ़ाओ, आय भी बढ़ाओ

पौड़ी में गुलदार ने एक और बनाया निवाला, इलाके में दहशत

उत्तराखंड में शराब महंगी, शौकिनों को बड़ा झटका

TAGGED: and raise awareness about climate change., support local livelihoods, Uttarakhand's Forest Department is set to launch 'Buransh Flower Week' and 'Padm Flower Week' to boost tourism and ecology. Discover how this unique initiative will promote tourism
Web Editor September 15, 2025
Share this Article
Facebook Twitter Copy Link Print
Share
Previous Article उत्तराखंड भाजपा की नई टीम का ऐलान
Next Article मंच ने दी आंदाेेेलन की चेतावनी,  सरकार के प्रति जताया आक्रोश
Leave a comment Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Stay Connected

100 Followers Like
100 Followers Follow
100 Followers Follow
100 Subscribers Subscribe
4.4k Followers Follow
- Advertisement -
Ad imageAd image

Latest News

एईबीएएस गुड गवर्नेंस की दिशा में महत्वपूर्ण कदम :जस्सुभाई
उत्तराखंड December 18, 2025
जवाहर नवोदय विद्यालय सैन्दवार में पूर्व छात्र सम्मेलन आयोजित
उत्तराखंड December 16, 2025
किसानों की कमाई का नया फार्मूला: मिट्टी में कार्बन बढ़ाओ, आय भी बढ़ाओ
उत्तराखंड December 10, 2025
पौड़ी में गुलदार ने एक और बनाया निवाला, इलाके में दहशत
उत्तराखंड December 4, 2025

Recent Posts

  • एईबीएएस गुड गवर्नेंस की दिशा में महत्वपूर्ण कदम :जस्सुभाई
  • जवाहर नवोदय विद्यालय सैन्दवार में पूर्व छात्र सम्मेलन आयोजित
  • किसानों की कमाई का नया फार्मूला: मिट्टी में कार्बन बढ़ाओ, आय भी बढ़ाओ
  • पौड़ी में गुलदार ने एक और बनाया निवाला, इलाके में दहशत
  • उत्तराखंड में शराब महंगी, शौकिनों को बड़ा झटका

साथियों, ये है हिमालय की आवाज. आप सोच रहे होंगे कि इतने पोर्टल के बीच एक और पोर्टल. इसमें क्या अलग है. यूं तो इसमें भी खबर ही होंगी, लेकिन साथ ही होगी हिमालय की आवाज यानी अपनी माटी, अपने गांव गली और चौक की बात. जल-जंगल और जमीन की बात भी. पहाड़ के विकास के लिए हम दमदार आवाज बनेंगे. आप सभी शुभचिंतकों के सहयोग का आकांक्षी. : किरण शर्मा, संस्‍थापक

Most Viewed Posts

  • मक्‍की की वजह से पर्यटन के नक्‍शे पर आया यह गांव (5,893)
  • राज्य में 12 पी माइनस थ्री पोलिंग स्टेशन बनाए गए (5,827)
  • टिहरी राजपरिवार के पास 200 करोड से अधिक की संपत्ति (4,322)
  • कम मतदान प्रतिशत वाले बूथों पर जनजागरूकता में जुटा चुनाव आयोग (4,183)
  • प्रधानमंत्री माेदी और गृह मंत्री शाह जल्‍द आएंगे उत्‍तराखंड (4,115)
Himalaya Ki AwajHimalaya Ki Awaj
Follow US

© 2023 Himalaya Ki Awaj. All Rights Reserved. | Designed By: Tech Yard Labs

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?