Uttarakhand to Install Sensors in Glacier Lakes for Disaster Prevention
देहरादून, 23 सितंबर 2025 : उत्तराखंड में ग्लेशियर झीलों से संभावित आपदा को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान को प्रदेश की 13 ग्लेशियर झीलों में सेंसर लगाने की जिम्मेदारी सौंपी है। शुरुआती चरण में 6 संवेदनशील झीलों पर सैटेलाइट और धरातलीय परीक्षण कर सेंसर स्थापित किए जाएंगे। इन सेंसरों के जरिए झीलों की संवेदनशीलता पर रियल-टाइम निगरानी होगी, जिससे संभावित खतरे का समय रहते पूर्वानुमान लगाया जा सके।
मुख्य सचिव ने मंगलवार को वाडिया संस्थान, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग, सेंट्रल वॉटर कमीशन समेत राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक संस्थानों के साथ बैठक की। बैठक में भूस्खलन न्यूनीकरण और ग्लेशियर झीलों की सुरक्षा पर विस्तृत चर्चा की गई।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के भूस्खलन संभावित क्षेत्रों का चिन्हीकरण कर प्रिडिक्शन मॉडल तैयार करना आवश्यक है। यह मॉडल सैटेलाइट इमेज और धरातल परीक्षणों के आधार पर यह पूर्वानुमान लगाने में सक्षम होगा कि कितनी वर्षा होने पर किसी क्षेत्र में भूस्खलन की आशंका है। इससे निचले इलाकों में समय रहते अलर्ट जारी कर सुरक्षित स्थानों तक निकासी सुनिश्चित की जा सकेगी।
मुख्य सचिव ने वाडिया संस्थान को आश्वस्त किया कि इस कार्य के लिए आवश्यक फंड की कोई कमी नहीं होगी और उन्हें सभी संबंधित संस्थानों की तकनीकी सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि यह एक मल्टी-इंस्टीट्यूशनल टास्क है, जिसे तत्काल और गंभीरता से लागू किया जाना चाहिए।
इस बैठक में सचिव विनोद कुमार सुमन, आईजी एसडीआरएफ अरुण मोहन जोशी, यूकॉस्ट महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत, वाडिया संस्थान, आईआईआरएस, जीएसआई और सेंट्रल वॉटर कमीशन के वैज्ञानिक व वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।