Wings of Wonder” Exhibition Launched in Dehradun to Promote Raptor Conservation
देहरादून, 4 अक्टूबर 2025: उत्तराखंड वन विभाग ने डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया के सहयोग से शुक्रवार को दून लाइब्रेरी एंड रिसर्च सेंटर में ‘विंग्स ऑफ वंडर’ नामक विशेष प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राज्य के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने उद्घाटन किया और कहा कि सरकार का लक्ष्य शिकारी पक्षियों (रैप्टर्स) के संरक्षण और इनके महत्व के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाना है।
प्रदर्शनी में रैप्टर्स की विविधता और संरक्षण पर जोर
इस प्रदर्शनी में विभिन्न पैनलों और विशेषज्ञ प्रस्तुतियों के माध्यम से रैप्टर्स की विविधता, पारिस्थितिकी तंत्र में उनकी भूमिका और संरक्षण की चुनौतियों को उजागर किया गया है। उत्तराखंड में गिद्ध, चील, बाज और फाल्कन जैसी 60 से अधिक शिकारी पक्षी प्रजातियां पाई जाती हैं। इन प्रजातियों को आवासीय क्षेत्रों के क्षरण, जहरीले चारे, बिजली के तारों से करंट और घोंसलों में व्यवधान जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। रेड-हेडेड वल्चर और व्हाइट-रम्प्ड वल्चर को गंभीर संकटग्रस्त प्रजाति और पल्लास फिश ईगल तथा प्रवासी स्टेप ईगल को संकटग्रस्त प्रजाति की श्रेणी में रखा गया है।
वन मंत्री का संदेश और सरकारी प्रतिबद्धता
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड के जंगल और वन्यजीव केवल पारिस्थितिक धरोहर नहीं बल्कि सांस्कृतिक धरोहर भी हैं। सरकार संरक्षण प्रयासों को मजबूत करने और साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इन्हें जीवित देख सकें।
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया का योगदान
इस अवसर पर डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया ने गिद्धों की पहचान और निगरानी से संबंधित नई पुस्तिका भी जारी की, जो वन विभाग के फील्ड स्टाफ के लिए उपयोगी होगी। रैप्टर संरक्षण कार्यक्रम के निदेशक रतुल साहा ने बताया कि रैप्टर्स पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य के प्रमुख संकेतक हैं और उनका संरक्षण जैव विविधता के साथ-साथ हमारी सामूहिक जीवन प्रणाली के लिए भी आवश्यक है।
प्रदर्शनी आम जनता और छात्रों के लिए खुली
कार्यक्रम में मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजन कुमार मिश्रा, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) डॉ. विवेक पांडे, डॉ. कोको रोज, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ-इंडिया के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। प्रदर्शनी 3 से 8 अक्टूबर तक आम जनता के लिए खुली रहेगी। इस दौरान स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। वन विभाग ने नागरिकों और प्रकृति प्रेमियों से अपील की है कि वे प्रदर्शनी में भाग लेकर इन महत्वपूर्ण प्रजातियों और उनके आवास की सुरक्षा में सहयोग करें।