Uttarakhand Bans Uncontrolled Use of Cough Syrups for Children | Strict Action Ordered
देहरादून, 05 अक्टूबर 2025 : उत्तराखंड सरकार ने बच्चों की सुरक्षा और जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए पूरे प्रदेश में कफ सिरप के उपयोग और वितरण पर सख्त नियंत्रण के आदेश जारी किए हैं। स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ. आर. राजेश कुमार ने सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्साधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि केंद्र सरकार की 3 अक्टूबर को जारी एडवाइजरी का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार की खांसी या जुकाम की दवा नहीं दी जानी चाहिए, जबकि पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों में इन सिरपों का सामान्य उपयोग बिल्कुल अनुशंसित नहीं है। केवल विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह, सही खुराक और सीमित अवधि के लिए ही इन दवाओं का प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि बच्चों के इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही या दवा का अंधाधुंध प्रयोग गंभीर दुष्परिणाम पैदा कर सकता है।
डॉ. कुमार ने कहा कि अधिकांश मामलों में बच्चों की खांसी और जुकाम स्वतः ठीक हो जाती है, इसलिए चिकित्सकों को अनावश्यक रूप से दवाओं का प्रयोग करने से बचना चाहिए। उन्होंने औषधि निरीक्षकों को निर्देशित किया है कि सभी जिलों में कफ सिरप के नमूने एकत्र कर प्रयोगशाला जांच कराई जाए, ताकि दोषपूर्ण या हानिकारक दवाओं को तुरंत बाजार से हटाया जा सके।
इसके साथ ही, सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थानों को यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं कि केवल Good Manufacturing Practices (GMP) के अनुरूप निर्मित दवाओं की ही खरीद और वितरण किया जाए।
जनता से अपील करते हुए डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि माता-पिता बच्चों को कोई भी दवा देने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। उन्होंने साफ कहा कि “बच्चों की सुरक्षा और जनस्वास्थ्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रतिबंधित या अधोमानक दवाओं की बिक्री व उपयोग पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
इस सख्त रुख के साथ राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।