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Himalaya Ki Awaj > Blog > उत्तराखंड > जलवायु परिवर्तन पर मंथन में जुटे 49 देशों के वैज्ञानिक 
उत्तराखंड

जलवायु परिवर्तन पर मंथन में जुटे 49 देशों के वैज्ञानिक 

Web Editor
Last updated: 2025/10/06 at 8:10 AM
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2 Min Read
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Global Dialogue on Climate Change and Water Sustainability Begins at IIT Roorkee

रुड़की, 6 अक्टूबर 2025 : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की में सोमवार को जलवायु परिवर्तन, जलवायु लचीलापन और जल स्थिरता पर केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की भव्य शुरुआत हुई। उत्तराखंड के मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन ने अंतर्राष्ट्रीय जल विज्ञान संघ (आईएएचएस) की बारहवीं वैज्ञानिक सभा का उद्घाटन किया। इस आयोजन में 49 देशों के 627 से अधिक प्रतिभागी और 682 वैज्ञानिक योगदान शामिल हैं, जिससे यह आईएएचएस के इतिहास की सबसे बड़ी सभाओं में से एक बन गई है।

मुख्य सचिव बर्द्धन ने कहा कि “जल विज्ञान केवल वैज्ञानिक शोध नहीं, बल्कि जलवायु परिवर्तन, आपदा जोखिम न्यूनीकरण और सतत विकास के लिए अनिवार्य माध्यम है।” उन्होंने आईआईटी रुड़की और आईएएचएस के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे संस्थान वैश्विक ज्ञान को स्थानीय समाधानों से जोड़कर नीति निर्माण और सामुदायिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्वलन और आईआईटी रुड़की के कुलगीत से हुई। इस अवसर पर आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत, आईएएचएस अध्यक्ष प्रो. साल्वातोरे ग्रिमाल्डी, आईएनएसए उपाध्यक्ष डॉ. वी.एम. तिवारी, आईएएचएस एसए 2025 अध्यक्ष प्रो. सुमित सेन और संयोजक प्रो. अंकित अग्रवाल सहित कई प्रमुख वैज्ञानिक मौजूद रहे।

सप्ताहभर चलने वाला यह सम्मेलन जल विज्ञान, तकनीकी नवाचार और वैश्विक सहयोग के माध्यम से जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में नए विचारों और साझेदारियों को बढ़ावा देगा। निदेशक प्रो. पंत ने कहा, “यह सभा जल प्रबंधन में नवाचार और स्थायी समाधानों को प्रेरित करेगी, जिससे जलवायु परिवर्तन से मुकाबले के वैश्विक प्रयास और सशक्त होंगे।”

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Web Editor October 6, 2025
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