Maria Corina Machado Wins Nobel Peace Prize 2025 for Her Fight for Democracy and Human Rights
ओस्लो (नॉर्वे), 11 अक्टूबर 2025 : दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित नोबेल शांति पुरस्कार-2025 से इस वर्ष वेनेज़ुएला की मारिया कोरीना माचादो को सम्मानित किया गया है। नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने लोकतंत्र, मानवाधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की दिशा में उनके अटूट संघर्ष और नेतृत्व को इस पुरस्कार के लिए चुना है।
वेनेज़ुएला की जननेत्री बनीं मारिया
7 अक्टूबर 1967 को काराकास (वेनेज़ुएला) में जन्मी मारिया कोरीना माचादो चार बहनों में सबसे बड़ी हैं। उनके पिता एनरिके माचादो ज़ुलोआगा प्रमुख इस्पात उद्योगपति थे, जबकि मां कोरीना पारिस्का मनोवैज्ञानिक हैं। एक समृद्ध और विचारशील परिवार में जन्मी मारिया ने बचपन से ही नागरिक जिम्मेदारी और स्वतंत्रता के मूल्यों को आत्मसात किया। उनके पूर्वजों में साहित्य, उद्योग और स्वतंत्रता आंदोलनों से जुड़े अनेक प्रमुख नाम शामिल रहे हैं।
शिक्षा से नेतृत्व तक की यात्रा
मारिया ने आंद्रेस बेलो कैथोलिक यूनिवर्सिटी से औद्योगिक अभियांत्रिकी की पढ़ाई की और आगे IESA बिजनेस स्कूल से वित्त में मास्टर डिग्री हासिल की। वर्ष 2009 में उन्हें येल यूनिवर्सिटी के Yale World Fellows Program के लिए चुना गया, जिसने उनके नेतृत्व और वैश्विक दृष्टिकोण को नई ऊँचाइयाँ दीं।
सामाजिक कार्य से राजनीति तक
राजनीति में आने से पहले ही मारिया सामाजिक सुधारों में सक्रिय रहीं। 1992 में उन्होंने Atenea Foundation की स्थापना की, जो काराकास की सड़कों पर रहने वाले अनाथ बच्चों की मदद के लिए समर्पित थी। बाद में उन्होंने Opportunitas Foundation के माध्यम से भी गरीब तबकों तक सहायता पहुँचाई। हालांकि, राजनीतिक हस्तक्षेप से बचने के लिए उन्होंने इन संगठनों से दूरी बना ली, लेकिन सेवा का भाव कभी नहीं छोड़ा।
संघर्ष से मिली पहचान
वेनेज़ुएला में लोकतंत्र की पुनर्स्थापना, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के लिए उनके अथक संघर्ष ने उन्हें देश की प्रमुख विपक्षी नेता के रूप में स्थापित किया। यही निरंतरता, साहस और सेवा भाव अंततः उन्हें 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार तक ले गई।