SGRR University Hosts International Conference on Mental Health and Well-Being in Dehradun
एसजीआरआर विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन
देहरादून, 13 अक्टूबर 2025 : श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय के मनोविज्ञान विभाग द्वारा दिव्य करूणा संगठन के सहयोग से “बदलती दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण: स्वयं, प्रकृति, चेतना और वैश्विक चुनौतियों का एकीकरण” विषय पर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के पथरीबाग स्थित सभागार में हुए इस सम्मेलन में देश-विदेश से सैकड़ों प्रतिभागियों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से सहभागिता की।
सम्मेलन का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना, शोध को प्रोत्साहित करना और वैश्विक स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों के समाधान तलाशना रहा। कार्यक्रम का उद्घाटन विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो. (डॉ.) प्रथपन के पिल्लई, डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. (डॉ.) मालविका कांडपाल, मानविकी संकाय की डीन प्रो. (डॉ.) प्रीति तिवारी, स्वामी डॉ. परमार्थ देव, डॉ. सुरेंद्र कुमार ढलवाल और डॉ. संतोष विश्वकर्मा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया।
विश्वविद्यालय के प्रेसीडेंट श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने अपने संदेश में कहा कि मानसिक स्वास्थ्य आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है और इस दिशा में ऐसे सम्मेलन समाज के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगे।
मुख्य वक्ता स्वामी डॉ. परमार्थ देव ने कहा कि आत्म, प्रकृति और चेतना के संतुलन से ही सच्चा मानसिक स्वास्थ्य प्राप्त किया जा सकता है। डॉ. सुरेंद्र कुमार ढलवाल ने आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से योग और आयुर्वेद को मानसिक संतुलन के वैज्ञानिक साधन बताया, जबकि डॉ. संतोष विश्वकर्मा ने आत्म-अनुशासन और ध्यान की महत्ता पर जोर दिया।
प्रो. (डॉ.) मालविका कांडपाल ने छात्रों में बढ़ते तनाव को लेकर चिंता व्यक्त की और मानसिक स्वास्थ्य पर निरंतर संवाद की आवश्यकता बताई। वहीं प्रो. (डॉ.) प्रीति तिवारी ने कहा कि सकारात्मक दृष्टिकोण और मानसिक दृढ़ता से युवा वर्ग जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकता है।
अंतरराष्ट्रीय वक्ताओं में पोलैंड के डॉ. बैरी राथनर, युगांडा की बिरुंगी बीट्रिस, नेपाल की डॉ. प्रमिला थापा और अमेरिका की प्रो. मेट ने मानसिक स्वास्थ्य के विभिन्न वैश्विक आयामों पर अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में ‘इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन वैदिक साइकोलॉजी – कॉन्फ्रेंस प्रोसीडिंग्स एंड ग्लिम्पसेज’ नामक पुस्तक का लोकार्पण भी किया गया। समापन सत्र में उत्कृष्ट प्रस्तुतिकर्ताओं रूही जैन, सूर्य प्रकाश और आशीष ध्यानी को सम्मानित किया गया।
सम्मेलन में समन्वयक एस. चंदेल और सह-संयोजक डॉ. गरिमा सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम ने मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण के क्षेत्र में सार्थक संवाद और जागरूकता को नई दिशा प्रदान की।