Uttarakhand Trains Health Workers for Mental Health Support During Disasters
देहरादून, 13 अक्टूबर 2025: उत्तराखंड सरकार ने आपदा प्रबंधन में एक नई और संवेदनशील पहल शुरू की है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा, “हमारा लक्ष्य यह है कि हर जिले में ऐसे प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी हों, जो आपदाग्रस्त लोगों के शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक घाव भी भर सकें।” यह कदम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देशों के तहत उठाया गया है।
आपदा प्रभावितों के लिए मानसिक स्वास्थ्य प्राथमिकता
उत्तराखंड पिछले कुछ वर्षों से भूस्खलन, बादल फटना और अत्यधिक वर्षा जैसी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित हो रहा है। इन घटनाओं ने न केवल भौतिक संरचना को नुकसान पहुँचाया, बल्कि प्रभावित लोगों के मनोबल और मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाला। स्वास्थ्य विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए राज्य में मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षा को प्राथमिकता दी है।
स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण
राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (निमहांस), बेंगलुरू के सहयोग से स्वास्थ्यकर्मियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। यह कार्यक्रम तीन चरणों में आयोजित होगा
- प्रथम बैच: देहरादून
- द्वितीय बैच: पौड़ी गढ़वाल
- तृतीय बैच: नैनीताल
अगले दो महीनों में लगभग 100 स्वास्थ्यकर्मी प्रशिक्षित होंगे, जिनमें मनोचिकित्सक, चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, काउंसलर और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं। प्रशिक्षण के बाद ये कर्मी जिला और ब्लॉक स्तर पर जाकर प्रभावित परिवारों को मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक सहायता प्रदान करेंगे।
आपदा संवेदनशील राज्य के लिए दूरदर्शी कदम
महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा ने कहा, “उत्तराखंड में आपदाएँ अपरिहार्य हैं, लेकिन केवल भौतिक पुनर्वास पर्याप्त नहीं। मानसिक घावों को भरना भी उतना ही जरूरी है।”
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि यह पहल न केवल प्रभावित समुदायों के मनोबल को मजबूत करेगी, बल्कि उत्तराखंड को मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में अग्रणी प्रदेश के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है। भविष्य में राज्य सरकार हर जिले में मानसिक स्वास्थ्य आपदा प्रतिक्रिया टीम (Mental Health Response Team) गठित करने की योजना बना रही है, जो आपदा की स्थिति में तुरंत राहत और परामर्श सेवाएँ प्रदान करेगी।