Financial Irregularity Probe Ordered in Uttarakhand Forest Development Corporation
देहरादून, 24 अक्टूबर 2025 : उत्तराखण्ड वन विकास निगम में कथित वित्तीय अनियमितता के मामले ने तूल पकड़ लिया है। निगम की प्रबंध निदेशक नीना ग्रेवाल ने कहा है कि कुक और खलासी की नियुक्तियों से जुड़े प्रचारित दो करोड़ रुपये की हानि के मामले की संपूर्ण जांच कराई जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि जांच में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है, तो दोषियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
ग्रेवाल ने बताया कि निगम में कार्य की आवश्यकता के अनुसार कुक और खलासी को दैनिक या बाह्य सेवा के माध्यम से सेवायोजित किया जाता है। यह व्यवस्था उत्तर प्रदेश वन निगम सेवा नियमावली के अनुसार मई 2022 तक लागू थी, जिसमें इन पदों के लिए निर्धारित मानक तय हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में यह प्रक्रिया विभागीय आवश्यकताओं और प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए संचालित की जा रही है। उत्तराखण्ड वन विकास निगम (संशोधित) अधिनियम, 2011 के तहत प्रबंध निदेशक को अस्थायी कर्मियों की नियुक्ति का अधिकार प्राप्त है।
प्रबंध निदेशक ने यह भी दोहराया कि निगम की सभी नियुक्तियाँ नियमों के अनुरूप की गई हैं। फिर भी, पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी और यदि किसी स्तर पर वित्तीय अनियमितता पाई गई तो कड़ी विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
