INS Mahe Joins Indian Navy — India’s New Maritime Guardian Strengthens Coastal Security
कोच्चि, 25 अक्टूबर 2025 : भारत की समुद्री सीमाओं की निगरानी अब और मजबूत हो गई है। कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित आठ एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट (ASW SWC) में से पहला ‘माहे’ भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया है।
केंद्र शासित पुडुचेरी के ऐतिहासिक बंदरगाह ‘माहे’ के नाम पर रखा गया यह युद्धपोत न सिर्फ भारत की समृद्ध समुद्री विरासत का प्रतीक है, बल्कि देश की बढ़ती आत्मनिर्भर रक्षा शक्ति का चमकता उदाहरण भी है।
⚓ स्वदेशी गर्व की मिसाल
‘माहे’ का डिज़ाइन और निर्माण पूर्णतः स्वदेशी तकनीक से कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने तैयार किया है। यह दर्शाता है कि भारत अब नौसैनिक युद्धपोत निर्माण में आत्मनिर्भरता की नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
🚢 समुद्र के नीचे भी दुश्मन का पता लगाएगा ‘माहे’
लगभग 78 मीटर लंबा और 1,100 टन वजनी यह अत्याधुनिक पोत, तटीय निगरानी से लेकर पनडुब्बी रोधी अभियानों तक हर चुनौती के लिए तैयार है।
इसमें हैं —
- टॉरपीडो और बहुक्रियाशील पनडुब्बी रोधी रॉकेट,
- उन्नत रडार और सोनार सिस्टम,
- और बारूदी सुरंग बिछाने की क्षमता,
जो इसे समुद्र की गहराइयों में भी दुश्मन के इरादों को भांपने और नाकाम करने में सक्षम बनाती है।
🌐 समुद्री सुरक्षा में नई छलांग
‘माहे’ के नौसेना में शामिल होने से भारत की एंटी-सबमरीन वॉरफेयर क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि होगी। यह पोत भारतीय तटों की रक्षा में एक सशक्त प्रहरी के रूप में कार्य करेगा, जो हर समय दुश्मन की हरकतों पर सतर्क निगाह रखेगा।
🇮🇳 आत्मनिर्भर भारत का जलरक्षक
80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री से निर्मित ‘माहे’ न केवल तकनीकी कौशल का परिचायक है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विज़न को भी साकार करता है I
