मलबा आने से सोनप्रयाग-मुनकटिया मार्ग अवरुद्ध, केदारनाथ जा रहे सभी यात्रियों को सोनप्रयाग में रोका गया
रुद्रप्रयाग : तीन दिन से लगातार रुक रुक कर हो रही बारिश ने पहाडों में चुनौतियां बढा दी हैं। विशेषकर केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। केदारनाथ के प्रमुख पडाव गौरीकुंड और सोनप्रयाग के बीच मुनकटिया में भूस्खलन के चलते यात्रियों को सोनप्रयाग में ही रोक दिया गया। वहीं केदारनाथ पैदल मार्ग पर जगह जगह मलबा और पहाडियों से गिर रहे पत्थरों के कारण केदारनाथ से लौट रहे यात्रियों के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और डीडीआरएफ की टीमों को मौके की ओर रवाना किया गया। जवानों ने रस्सियों की सहायता से 1200 से ज्यादा यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया है।
प्रशासन के अनुसार हालात की गंभीरता को समय रहते भांपते हुए तत्परता से निर्णय लिया और यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए केदारनाथ जाने वाले सभी यात्रियों को फिलहाल सोनप्रयाग में ही रोका गया है। प्रशासन द्वारा यह निर्णय पूरी तरह से यात्रियों की जान-माल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
इसी के साथ प्रशासन ने केदारनाथ से नीचे लौट रहे यात्रियों के सुरक्षित रेस्क्यू के लिए भी एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और डीडीआरएफ की टीमें तत्काल मौके पर रवाना कीं। इन सभी सुरक्षा बलों के कुशल नेतृत्व और समन्वय से प्रातः 11 बजे तक कुल 1269 यात्रियों को सुरक्षित सोनप्रयाग पहुंचाया जा चुका है, जिनमें 833 पुरुष और 436 महिला श्रद्धालु शामिल हैं। यह रेस्क्यू अभियान अत्यंत व्यवस्थित, संवेदनशील और समयबद्ध रूप से संचालित किया गया, जिससे किसी भी यात्री को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
वहीं दूसरी ओर, मार्ग को शीघ्र पुनः संचालित करने के लिए लोनिवि और अन्य संबद्ध विभागों द्वारा युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। मशीनों की सहायता से मलबा हटाने और मार्ग को सुगम बनाने का प्रयास लगातार जारी है।