Uttarakhand STF Nabs Man for Rs 1.47 Crore Digital Arrest Fraud
देहरादून, 2 सितंबर 2025 : उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने एक बड़े साइबर धोखाधड़ी का भंडाफोड़ किया है। एसटीएफ की टीम ने खुद को महाराष्ट्र साइबर क्राइम विभाग का अधिकारी बताकर रुहेलखंड विश्वविद्यालय की एक सेवानिवृत्त कुलपति से 1.47 करोड़ की ठगी करने वाले आरोपी को हिमाचल प्रदेश के सोलन से गिरफ्तार किया है।
फर्जी अधिकारी ने 12 दिन तक किया परेशान
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह ने बताया कि इसी साल अगस्त में नैनीताल की एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी। महिला जो कि रुहेलखंड विश्वविद्यालय की सेवानिवृत्त कुलपति हैं, ने बताया कि उन्हें एक अज्ञात नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को साइबर क्राइम विभाग का अधिकारी बताया और कहा कि उनके नाम पर 60 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज है। इसके बाद आरोपी ने उन्हें खातों के सत्यापन के बहाने डिजिटल रूप से घर में ही नजरबंद (Digital Arrest) कर दिया। अगले 12 दिनों तक, आरोपी व्हाट्सएप कॉल के जरिए उन्हें डराता रहा और उनसे अलग-अलग खातों में 1.47 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिए।
एसटीएफ ने सुलझाई गुत्थी
मामले की गंभीरता को देखते हुए, एएसपी स्वप्न किशोर और डीएसपी अंकुश मिश्रा के मार्गदर्शन में, प्रभारी निरीक्षक अरुण कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने बैंक खातों, मोबाइल नंबरों और व्हाट्सएप डेटा का गहन विश्लेषण किया, जिसके बाद आरोपी राजेन्द्र कुमार, जो सोलन (हिमाचल प्रदेश) का रहने वाला है, को गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तारी के समय, पुलिस ने उसके पास से तीन मोबाइल फोन, बैंक चेक, डेबिट कार्ड, एक वाई-फाई राउटर, फर्जी फर्मों की मुहरें, जीएसटी और उद्यम पंजीकरण प्रमाण पत्र बरामद किए। जांच में पता चला कि आरोपी ने ‘कॉसमॉस इंटरप्राइजेज’ नाम से एक फर्जी खाता खोला था, जिसमें पीड़िता ने ₹50 लाख ट्रांसफर किए थे। पूछताछ में यह भी सामने आया है कि आरोपी ने जून से अगस्त के बीच लाखों रुपये का लेन-देन किया था और वह कई फर्जी खातों और दस्तावेजों का इस्तेमाल कर ऐसे अपराधों को अंजाम देता था।
यह गिरफ्तारी साइबर अपराधियों के खिलाफ एसटीएफ की एक महत्वपूर्ण कामयाबी है और यह दिखाती है कि किस तरह डिजिटल माध्यमों का उपयोग कर लोगों को धोखा दिया जा रहा है।