Uttarakhand Police’s ‘Operation Kalnemi’ Targets Fraud & Deception
अभियान में अब तक 5500 सत्यापन, 14गिरफ्तारियां और 1182 पर निरोधात्मक कार्रवाई
देहरादून, 07 सितंबर 2025 : देवभूमि उत्तराखंड में आस्था और सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा के लिए चलाए जा रहे “ऑपरेशन कालनेमि” में पुलिस को लगातार सफलता मिल रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन और पुलिस मुख्यालय की निगरानी में शुरू किए गए इस अभियान का मकसद उन असामाजिक तत्वों की पहचान करना है, जो अपनी असली पहचान छिपाकर धर्मांतरण, ठगी और धोखाधड़ी जैसे अपराधों को अंजाम दे रहे थे। आने वाले समय में उत्तराखंड पुलिस इस अभियान को और अधिक धार देकर कड़ी कार्रवाई करने जा रही है। सोशल मीडिया में ‘फेसबुक’ और ‘इंस्टाग्राम’ फर्जी अकाउंट बनाकर लोगों को गुमराह करने वालों पर भी ऑपरेशन कालनेमि के तहत कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस महानिरीक्षक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) नीलेश आनंद भरणे ने रविवार को सरदार पटेल भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि अब तक राज्यभर में 5500 से अधिक लोगों का सत्यापन, 14 गिरफ्तारियां और 1182 निरोधात्मक कार्यवाहियां की गई हैं। हरिद्वार और देहरादून जैसे जिलों में सबसे ज्यादा कार्रवाई दर्ज हुई है। इनमें सर्वाधिक हरिद्वार जिले में 491 करवाई और तीन गिरफ्तारियां, देहरादून में 237 करवाई और पांच गिरफ्तारियां साइबर क्राइम में कुल चार गिरफ्तारियां वह टिहरी में 123 निरोधात्मक कार्रवाई व एक गिरफ्तारी तथा अल्मोड़ा में एक गिरफ्तारी हुई।
अभियान पर एक नजर :
1. बांग्लादेशी डॉक्टर बना ‘अमित कुमार’
देहरादून के सेलाकुई इलाके में पुलिस ने एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया, जो “अमित कुमार” नाम से बंगाली डॉक्टर बनकर क्लिनिक चला रहा था। जांच में पता चला कि उसका असली नाम चयन अधिकारी है और वह बांग्लादेश के जेसोर जिले का निवासी है। आरोपी ने आधार, पैन और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे फर्जी दस्तावेज बनवा रखे थे। पूछताछ में उसने बताया कि वह साल 2017-18 में भारत आया और अपने ताऊ से क्लिनिक का काम सीखकर अवैध तरीके से यहां रह रहा था।
2. पहचान छिपाकर लड़कियों को फंसाना
सेलाकुई में ही पुलिस ने जम्मू-कश्मीर के इफराज अहमद लोलू को पकड़ा, जो “राज आहूजा” नाम से खुद को दिल्ली का अमीर युवक बताकर लड़कियों को प्रेमजाल में फंसा रहा था। उसकी पत्नी ने पुलिस को तहरीर दी कि आरोपी ने धर्म और पहचान छुपाकर कई युवतियों को ठगा है। इसके आधार पर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दोबारा गिरफ्तारी की गई।
3. धर्मांतरण का अंतरराष्ट्रीय गिरोह
देहरादून पुलिस ने धर्म परिवर्तन कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया, जिसका तार दिल्ली, यूपी और यहां तक कि दुबई तक जुड़ा पाया गया। एक युवती ने शिकायत की कि सोशल मीडिया पर दोस्ती करने के बाद उसे धर्म बदलने और अन्य लड़कियों को भी इस काम के लिए तैयार करने का दबाव बनाया जा रहा था। पुलिस जांच में अब्दुल रहमान, उसकी पत्नी आयशा और कई अन्य आरोपी पकड़े गए। एक आरोपी दुबई में छिपा है, जिसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है।
4. फर्जी IAS बनकर ठगी
टिहरी गढ़वाल में एक युवक ने खुद को IAS अधिकारी बताकर गैस्ट हाउस का नक्शा पास कराने के नाम पर एक व्यक्ति से 2.55 लाख रुपये ऐंठ लिए। तकनीकी जांच के बाद पुलिस ने आरोपी शशिचंद प्रजापति को प्रयागराज से गिरफ्तार किया।
5. साधु और तांत्रिक के भेष में धोखाधड़ी
सहसपुर क्षेत्र में एक युवक साधु का वेश धरकर बैठा मिला, जो दरअसल बांग्लादेशी नागरिक निकला। इसी तरह हरिद्वार में दो तांत्रिकों ने लोगों को चमत्कारी इलाज और तंत्र-मंत्र के नाम पर लाखों की ठगी की। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
6. पिरान कलियर उर्स में बांग्लादेशी पकड़े गए
हरिद्वार के पिरान कलियर में उर्स के दौरान पुलिस ने सत्यापन अभियान चलाकर दो बांग्लादेशी नागरिकों को चिन्हित किया। इनमें से एक पूर्व में भी विदेशी अधिनियम में जेल जा चुका था। दोनों को डिटेंशन सेंटर भेज दिया गया है।
7. भगवान शिव का भेष धारण करने वाला अपराधी
चंडीघाट क्षेत्र में पुलिस को एक व्यक्ति भगवान शिव के वेश में घूमता मिला। पूछताछ में पता चला कि यह दीपक सैनी है, जो महिलाओं और बच्चियों को बहला-फुसलाकर गलत काम करता था। उसके खिलाफ पोक्सो और दहेज उत्पीड़न सहित कई मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस ने उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया।
8. कांवड़ मेले में मिला 20 साल से लापता व्यक्ति
कांवड़ मेला ड्यूटी के दौरान पुलिस ने तीन संदिग्ध बहरुपिया बाबाओं को पकड़ा। इनमें से एक व्यक्ति जितेंद्र निकला, जो यूपी के बिलारी थाना क्षेत्र से 20 साल पहले लापता हुआ था। पुलिस ने उसकी पहचान कर परिजनों से मिलवाया, जबकि बाकी दो को अदालत में पेश किया गया।
आईजी भरणे ने कहा कि अगस्त माह में आपदा के कारण ऑपरेशन कालनेमि की रफ्तार थोड़ी थम गई थी लेकिन आगे आने वाले समय में इसके तहत विशेष अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान डीआईजी लॉ एंड ऑर्डर धीरेन्द्र गुंज्याल, एसएसपी देहरादून अजय सिंह, एसएसपी हरिद्वार परमेंद्र डोभाल व एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर मौजूद रहे।