Uttarakhand’s Landmark Cooperative Agreements: Boosting Farmers & Economy
सहकारिता हमारी संस्कृति का हिस्सा: राज्यपाल
सहकारिता से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत: मुख्यमंत्री
देहरादून, 18 सितंबर 2025 : उत्तराखंड में सहकारिता क्षेत्र के लिए एक नई सुबह का आगाज हुआ है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल श्री गुरमीत सिंह (से नि) और मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में दो ऐतिहासिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिनसे राज्य के किसानों और सहकारी समितियों को बड़ा फायदा होगा। ये समझौते न केवल बीज उत्पादन और वितरण में क्रांति लाएंगे, बल्कि उत्तराखंड के कृषि उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुँचाने में भी एक मील का पत्थर साबित होंगे।
पहला समझौता ज्ञापन भारतीय सहकारी समिति लिमिटेड (N.C.L) और उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ के बीच हुआ, जो राज्य में बीज उत्पादन और वितरण को बढ़ावा देगा। यह समझौता किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराएगा, जिससे उनकी उपज और आय में वृद्धि होगी। दूसरा समझौता ज्ञापन राष्ट्रीय सहकारी निर्यात समिति और उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ के बीच हुआ। इसका सीधा लाभ राज्य के कृषि उत्पादकों और सहकारी समितियों को मिलेगा। इस समझौते के जरिए उत्तराखंड के उत्पाद सीधे वैश्विक बाजारों में पहुँच सकेंगे, जिससे किसानों को उनके उत्पादों का सही मूल्य मिलेगा और वे आत्मनिर्भर बनेंगे। इस मौके पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने दो नई योजनाओं, उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक की ऋण नीति और वाणिज्यिक अचल संपत्ति- आवासीय गृह ऋण नीति का भी शुभारंभ किया। ये योजनाएं लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें अपने घर का सपना पूरा करने में मदद करेंगी।
कार्यक्रम में सहकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए जसपुर की फीकापार एमपैक्स और जिला सहकारी बैंक लिमिटेड, देहरादून को सम्मानित किया गया। इसके अलावा, दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के लाभार्थियों को भी चेक वितरित किए गए।
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने अपने संबोधन में सहकारिता को भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग बताया। उन्होंने कहा कि यह केवल एक आंदोलन नहीं, बल्कि सामूहिक प्रयासों और सबकी भागीदारी का प्रतीक है। राज्यपाल ने महिला स्वयं सहायता समूहों और युवाओं के योगदान की सराहना की, जो स्टार्टअप्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए सहकारिता आंदोलन को नया रूप दे रहे हैं। उन्होंने गर्व से कहा कि उत्तराखंड की सहकारी समितियां सेना और अर्धसैनिक बलों को खाद्यान्न और अन्य जरूरी सामान की आपूर्ति कर रही हैं, जो राष्ट्रीय सेवा में एक बड़ा योगदान है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सहकारिता समाज के समग्र विकास का एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जिसने बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण पूरा किया है। इससे पारदर्शिता बढ़ी है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने अब तक 800 पैक्स, 248 नई डेयरी समितियां और 116 मत्स्य समितियां गठित की हैं। दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत किसानों को 5 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की 1 लाख 63 हजार से अधिक महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बनकर महिला सशक्तीकरण का नया इतिहास रच रही हैं, जिन्हें 2026 तक 4 लाख तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
महिलाओं को 33% आरक्षण: सहकारिता मंत्री
सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जिसने महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रुपये तक का ऋण शून्य ब्याज पर देने की योजना शुरू की है। उन्होंने यह भी बताया कि सहकारिता में महिलाओं को 33% आरक्षण प्रदान करने वाला भी उत्तराखंड पहला राज्य है।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय सहकारिता निदेशक श्री कपिल मीणा और राज्य सहकारिता सचिव डॉ. बी.वी.आर सी पुरुषोत्तम सहित कई अधिकारी और विभिन्न जिलों से आई स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं मौजूद थीं।
