चमोली : विश्व प्रसिद़़ध फूलों की घाटी को पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व में िस्थत पार्क में पहले ही दिन बडी संख्या में पर्यटक पहुंचे।
गौरतलब है कि पहलेे पहल इस घाटी का पता ब्रिटिश पर्वतारोह फ्रैंक स्मिथ ने 1931 में लगाया था। हिमाच्छादित पर्वतों से घिरी इस घाटी में पांच सौ से अधिक प्रजातियों के फूल खिलते हैं। नवम्बर से मई के बीच घाटी बर्फ से ढकी रहती है। यहाँ सामान्यतः पाये जाने वाले फूलपौधों में एनीमोन, जर्मेनियम, मार्श, गेंदा, प्रिभुला, पोटेन्टिला, तारक, लिलियम, हिमालयी नीला पोस्त, बछनाग, डेलफिनियम, रानुनकुलस, कोरिडालिस, इन्डुला, सौसुरिया, कम्पानुला, पेडिक्युलरिस, मोरिना, इम्पेटिनस, बिस्टोरटा, लिगुलारिया, अनाफलिस, सैक्सिफागा, लोबिलिया, थर्मोपसिस, ट्रौलियस, एक्युलेगिया, कोडोनोपसिस, डैक्टाइलोरहिज्म, साइप्रिपेडियम, स्ट्राबेरी एवं रोडोडियोड्रान प्रमुख हैं।
फूलों की घाटी भ्रमण के लिये जुलाई, अगस्त व सितंबर के महीनों को सर्वोत्तम माना जाता है। सितंबर में ब्रह्मकमल खिलते हैं।