देहरादून: चंद्रयान 3 का विक्रम और लैंडर अब स्लीप मोड में जा चुके हैं। इसरो के मुताबिक अपना लक्ष्य पूरा करनेे के बाद इन्हें स्लीप मोड में भेजा गया है। दोनों को सुलाया इसलिए जा रहा है ताकि 14 दिन बाद जब चांद पर सूरज उगेगा तो ये दोनों फिर एक्टिव होकर काम कर सकें। हालांकि इतनी लंबी रात के बाद दोनों एक्टिव हो पाएंगे यह जरूरी भी नहीं है।
दरअसल चांद का एक दिन और एक रात धरती के दो सप्ताह जितनी लंबी होती है। अब चांद पर सूरज अस्ताचल की ओर बढ रहा है। ऐसे में सूरज की रोशनी लैंडर-रोवर पर नहीं पड़ेगी। विक्रम और रोवर के स्लीप मोड में जाने के लिए बैटरी को पूरी तरह से चार्ज करके सिस्टम बंद कर दिए जाएं।