देहरादून : श्री आयुष कृष्ण जी महाराज ने कहा कि श्रीकृष्ण भगवान ने श्री राम से ज्यादा दुख सहे हैं। उन्होंने कहा कि भागवत कथा के माध्यम से श्रीकृष्ण सीख देते हैं कि दुखों के कितने ही पहाड़ टूट जाएं लेकिन मनुष्य को हमेशा मुस्कुराते रहना चाहिए।
आयुष कृष्ण महाराज नेशविला रोड गढ़वाल सभा के समीप गुरूवार से आरंभ हुई भागवत कथा में प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि श्रीराम के जीवन में दुख उनके वन गमन से आरंभ होते हैं जबकि कृष्ण भगवान के जीवन में दुख उनके जनम लेने के साथ ही आरंभ हो जाते हैं। श्रीराम राजमहल में जनम लेते हैं और श्रीकृष्ण बंदीगृह में जनम लेते ही माता-पिता की बजाय नंद बाबा के यहां पंहुचा दिए जाते हैं। छोटी ही उम्र में उनको पुतना, सुबाहु, कंस के साथ कई मुशीबतों का सामना करना पड़ता है लेकिन वह हर हालत में मुस्कुराते रहते हैं। श्री महाराज जी ने कहा कि श्रीकृष्ण की मंदिरों में जितनी भी मूर्तियां वह सभी मुस्कुराते हुए ही हैं और वह यह सीख देते हैं कि सुख-दुख आना-जाना और मुनष्य को हर हाल में मुस्कुराते रहना चाहिए। श्री महाराज ने कहा कि भगवान कोई भी हों वह केवल और केवल प्रेम के प्यासे होते हैं। जिन भक्तों के मन में भगवान के प्रति प्रेम होता है भगवान हमेशा उनके दिलों में वास करते हैं और यह बात सतयुग से लेकर कलयुग तक साबित भी हुई है। उन्होंने कहा कि भगवान ने इस बात को हर अवतार में साबित भी किया है। जब भगवान राम बनकर धरती पर आये तो उन्होंने केवट और सबरी जैसे भक्तों का उद्धार किया। उन्होंन बाली का बध किया लेकिन सुग्रीव के राज्य में प्रवेश नहीं किया और जब रावत का वध किया तब भी उन्होंने लंका में प्रवेश नहीं किया। कृष्ण अवतार में भी उन्होंने सुदामा जैसे लोगों का उद्धार किया। श्री महाराज ने कहा कि वर्तमान युग में हम पूजा-पाठ तो करते हैं लेकिन पूजा-पाठ की पद्वति नहीं जानते हैं। शंकर भगवान के मंदिर में जब दंडवत प्रणाम करते हैं तब पैर नंदी की तरफ कर लेते हैं। उन्होंने कथा सुनने वाली महिलाओं ने जानना चाहा कि उन्होंने करवा चौथ का उपवास क्यों रखा और उपवास का मतलब क्या होता है। उन्होंने कहा कि उपवास कोई भी हो उसके लिए आवश्यक है कि उपवास करने वाला एक पहर यानि तीन घंटं भगवान की पूजा अर्चना करे लेकिन ऐसा कोई करता नहीं है। श्री राजेंद्र सिंह नेगी के आवास पर हो रही कथा को यू-ट्यूब पर लाइव प्रसारित किया जा रहा है और पहले दिन कथा से लगभग 34 हजार श्रद्धालु जुडे़ रहे।