गोपेश्वरः उत्तराखंड शीतलहर की चपंट में है। कडाके की सर्दी के बीच पर्वतीय क्षेत्रों में झरनेे जमने लगे हैं। इस बीच चमोली जिले में नीती घाटी की टिम्मरसैंण गुफा में बर्फ का शिवलिंग का आकार लेने लगा है।
चीन सीमा से सटी नीती घाटी में नीती गांव से करीब एक किलोमीटर पहले टिम्मरसैंण महादेव की गुफा में बाबा बर्फानी हर वर्ष सर्दियों में भक्तों को दर्शन देते हैं। यहां बर्फ के कई शिवलिंग प्राकृतिक तौर पर बनते हैं। इनमें एक मुख्य शिवलिंग विराजमान होता है, जिसे बाबा बर्फानी के रूप में पूजा जाता है।
बर्फबारी ठीक हो तो इस शिवलिंग की ऊंचाई तकरीबन 10 फीट तक पहुंच जाती है। पहाड़ी से टपकने वाली जलधारा से निरंतर बाबा बफार्नी का अभिषेक होता रहता है। इन दिनों कम बर्फबारी होने के चलते नीती गांव जाने वाला मोटर मार्ग खुला है। इसलिए जोशीमठ और नीती घाटी के निवासी बड़ी संख्या में बाबा बर्फानी के दर्शन को पहुंच रहे हैं। इसके अलावा सेना, आइटीबीपी व बीआरओ के जवान और अधिकारी भी निरंतर पूजा-अर्चना के लिए यहां पहुंच रहे हैं।
नीती गांव निवासी प्रेम सिंह फोनिया के अनुसार, टिम्मरसैंण गुफा में बर्फ से बने शिवलिंग के दर्शन होने लगे हैं। गुफा के आसपास पहाड़ियों पर अच्छी-खासी बर्फ जमा है। हालांकि, नीती घाटी में जमी बर्फ पिघल चुकी है। अगर आगामी दिनों में अच्छी बर्फबारी हुई तो फरवरी तक बाबा बर्फानी पूर्ण आकार ले लेंगे।
बाबा बर्फानी के दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए फरवरी से मार्च तक बड़ी संख्या में तीर्थयात्री यहां पहुंचते हैं। इस समय घाटी में कड़ाके की ठंड के बीच तापमान शून्य से नीचे चल रहा है। इससे झरने सहित प्राकृतिक स्रोतों में पानी जमने लगा है।