उत्तरकाशी: वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर ने चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर लैंडिंग और टेकऑफ का अभ्यास किया है। गत मंगलवार व बुधवार को चिनूक हेलीकॉप्टर का दो दिवसीय अभ्यास प्रस्तावित था। जो कि तकनीकी कारणों के चलते स्थगित कर दिया गया था। गौरतलब है कि चीन सीमा से सटे उत्तरकाशी में चिन्यालीसौड से सीमा की हवाई दूरी महज 125 किमी है।
शुक्रवार को शाम चार बजे चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर चिनूक ने सफलता पूर्वक लैंडिंग की। इसके बाद रात में करीब पौने नौ बजे यह हेलीकॉप्टर दोबारा हवाई अड्डे पर पहुंचा। आसमान में दो राउंड लगाने के बाद लैंडिंग और टेक ऑफ का सफलता पूर्वक अभ्यास किया।
वहीं, यह पहली बार है जब वायु सेना रात के समय अपने चिनूक हेलीकॉप्टर की लैंडिंग और टेक ऑफ का अभ्यास कर रही है।सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस हवाई अड्डे पर यह हेलीकॉप्टर इससे पहले सिलक्यारा सुरंग हादसे के दौरान रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने पर उतरा था। जिससे सुरंग के अंदर से सकुशल बाहर निकाले गए 41 श्रमिकों को एम्स ऋषिकेश भेजा गया था।
कुछ दिनों पूर्व चिन्यालीसौड हवाई अड्डे पर वायुसेना के एयरबेस प्रयागराज से चिनूक के चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे के साथ पिथौरागढ़, गौचर हवाई अड्डे पर दिन और रात में लैंडिंग और टेकऑफ के अभ्यास की सूचना जिला प्रशासन को लिखित रूप से दी गई थी।लेकिन बाद में तकनीकी कारणों से यह अभ्यास रद्द हो गया था।
इधर, डुंडा एसडीएम नवाजिश खालीक ने बताया कि यह वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर का रुटिन अभ्यास था। जिसकी सूचना पर हवाई अड्डे पर एंबुलेंस व फायर ब्रिगेड की टीम तैनात कर दी गई थी। बताया कि मौसम खराब होने के चलते पूर्व में अभ्यास नहीं हो पाया था।